VIDEO: रवीश कुमार बोले- ‘एंकर और चैनल के मालिकों को भी बनाना चाहिए मंत्री’, दक्षिणपंथी समर्थक पत्रकार हुए हमलावर

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लोकसभा चुनाव 2019 में आखिरी चरण का मतदान रविवार (19 मई) को खत्म होते ही न्यूज चैनलों ने एग्जिट पोल जारी कर दिए। लोकसभा चुनाव के लिए रविवार शाम जारी ज्यादातर एग्जिट पोल के मुताबिक एक बार फिर भाजपा नीत राजग बहुमत से केंद्र में सरकार बनाएगा। लोकसभा चुनाव के लिए सात चरणों में मतदान 11 अप्रैल से 19 मई तक चला। सात चरणों में लोकसभा की 542 सीटों पर हुए मतदान के नतीजे 23 मई को आएंगे। बहुमत के लिए किसी भी पार्टी या गठबंधन को कम से कम 272 सीटें चाहिए।

लोकसभा की 543 में से 542 सीटों के लिए हुए मतदान बाद के 15 सर्वेक्षणों में से 12 में राजग के स्पष्ट बहुमत के साथ पुन: सत्ता में आने का अनुमान व्यक्त किया गया है, जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) को बहुमत से बहुत पीछे दिखाया गया है। इन सर्वेक्षणों में राजग को 231 से 365 सीटें, जबकि संप्रग को 62 से 164 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है। अन्य दलों को 69 से 159 तक सीटें मिलने की अनुमान व्यक्त किया गया है।

चैनलों के इस एग्जिट पोल को लेकर एनडीटीवी के वरिष्ठ पत्रकार और मशहूर एंकर रवीश कुमार काफी नाराज दिखे। एग्जिट पोल पर डिबेट करते हुए रवीश ने रविवार को कहा, “टीवी के हिसाब से देखें तो यह चुनाव बहुत ही खतरनाक है। चुनाव आयोग की तो मैं बात नहीं करना  चाहता। जिस तरह से मीडिया ने बीजेपी के लिए मेहनत की है, मुझे लगता है न्यूज एंकर को भी मंत्री बनाना चाहिए। कुछ मालिकों को भी मंत्री बनाना चाहिए। उन्हें कैबिनेट का दर्जा दिया जाना चाहिए। चुनाव आयोग पर तो मेरा कोई भरोसा नहीं है।”

रवीश कुमार के इस बयान पर दक्षिणपंथी विचारधारा की तरफ झुकाव रखने वाले पत्रकार हमलावर हो गए। डीडी न्यूज के वरिष्ठ पत्रकार और एंकर अशोक श्रीवास्तव ने ट्वीट कर लिखा, “रविश भाई ये #एग्जिट_पोल के नतीजे हैं, असली चुनाव नतीजे अभी आने बाकी हैं, भारत की जनता पर यकीन रखिये आप तो अभी से चुनाव आयोग और मीडिया को गरियाना शुरू कर दिए! और हां मीडिया किसी को हरा-जिता नहीं सकता, वरना मेहनत तो आपने भी बहुत की है पिछले 5 सालों में।”

वहीं, आजतक के एक अन्य पत्रकार आरसी शुक्ला ने लिखा, “रवीश की रूदाली..ये व्यथित,चिंतित व्यक्ति अपनी कुंठित मानसिकता के साथ फिर अपने ही पेशे को कटघरे में खड़ा कर रहा है। इनके हिसाब से कुछ ऐंकर, एडिटर और चैनल मालिको को मंत्री बना देना चाहिए। जब एक चैनल के लोग सरकार में मंत्रालय फ़िक्स कराते थे तब तो इनकी नैतिकता नहाने चली गई थी।”

 

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