राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष की आज(22 जून) होने वाली अहम बैठक के पहले ही खेमे में दरार दिखने लगी और जेडीयू ने एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देने की घोषणा करने के बाद कहा कि वह विपक्ष की बैठक में शामिल नहीं होगी। राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर आज शाम विपक्ष की बैठक होनी है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 17 दलों के नेताओं को फोन कर इस बैठक में शामिल होने का आग्रह किया है। हालांकि, विपक्षी खेमे ने अभी तक किसी नाम की घोषणा नहीं की है, लेकिन पूर्व लोकसभाध्यक्ष मीरा कुमार की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से उनके निवास पर मुलाकात से इन अटकलों को बल मिला है कि वह दौड़ में आगे चल रही हैं। सूत्रों ने बताया कि जेडीयू की घोषणा के बाद बुधवार को कांग्रेस तथा गैर-एनडीए दलों के वरिष्ठ नेताओं के बीच गहन विचार-विमर्श का दौर चला कि किस प्रकार विपक्ष को एकजुट रखा जाए।
विपक्ष की बैठक का समन्वय कर रही कांग्रेस ने उम्मीद जताई कि उन सभी दलों के नेता गुरुवार की मुलाकात में शामिल होंगे, जो 26 मई को सोनिया द्वारा दिए गए दोपहर के भोज में शामिल हुए थे। इस बीच एक वरिष्ठ वाम नेता ने कहा कि कुछ भी हो, हम चुनाव लड़ेंगे।
चुनाव के लिए कांग्रेस के विकल्प के बारे में पूछे जाने पर पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि यह एक काल्पनिक सवाल है तथा 17 जुलाई के चुनाव के लिए विपक्ष एक संयुक्त रणनीति के बारे में फैसला करेगा। तिवारी ने कहा कि गुरुवार की बैठक के बाद एक स्पष्ट उत्तर उपलब्ध होगा। सपा के नरेश अग्रवाल ने कहा कि विपक्षी दल बैठक में संयुक्त रूप से किसी उम्मीदवार के बारे में फैसला करेंगे।
इस बीच, कुछ वाम नेताओं ने सपा नेता मुलायम सिंह यादव के बुधवार को लखनऊ में योग दिवस से संबंधित एक कार्यक्रम में मौजूद होने का जिक्र किया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए। उधर, जेडीयू ने बुधवार को घोषणा कर दी कि वह राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार कोविंद का समर्थन करेगी। यह विपक्षी दलों के प्रयासों के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, जो अपना संयुक्त उम्मीदवार उतारना चाहते हैं।
पार्टी प्रवक्ता केसी त्यागी ने यह भी कहा कि जेडीयू की गुरुवार को होने जा रही विपक्षी दलों की बैठक में शामिल नहीं होगा। उन्होंने कहा कि कोविंद को समर्थन के बाद उनकी पार्टी के लिए यह बैठक अब ‘अप्रासंगिक’ हो गई है। त्यागी ने हालांकि, कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा को जेडीयू का समर्थन एक ‘अलग-थलग’ घटना है और यह दल भविष्य में भगवा दल के खिलाफ एकजुटता के लिए विपक्ष के प्रयासों का हिस्सा रहेगा। उन्होंने कहा कि ‘इस अलग-थलग घटना का वृहतर विपक्षी एकता के हमारे प्रयासों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।’