राजस्थान के अलवर में पहलू खान के बाद अब अकबर खान उर्फ रकबर खान की पीट-पीटकर हत्या के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस बीच राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने इस हत्याकांड पर बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री ने माना है कि रकबर की मौत पुलिस हिरासत में हुई थी। इससे पहले शनिवार को अलवर में कथित गोरक्षकों की पिटाई के बाद रकबर की मौत की बात सामने आई थी। मंगलवार को अलवर में घटनास्थल का दौरा करने के बाद कटारिया ने इस मामले में न्यायिक जांच का आदेश दिया है।
कटारिया ने मंगलवार (24 जुलाई) को कहा कि अलवर में रकबर खान की मौत पुलिस हिरासत में मौत का मामला है। इसकी न्यायिक जांच होगी। घटनास्थल का दौरा करने के बाद कटारिया ने कहा कि हमने अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी से जांच कराने को लिखा है। उन्होंने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। इस मामले में पुलिस के एक सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) मोहन सिंह को निलंबित कर दिया गया है।
कटारिया ने कहा, ‘साक्ष्यों से पता चलता है कि रकबर की मौत पुलिस हिरासत में हुई है और राजस्थान सरकार इसकी न्यायिक जांच कराएगी। हमने अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मैजिस्ट्रेट को इस मामले की जांच शुरू करने के लिए लिखा है।’ इसके साथ ही कटारिया ने दोषियों को सजा दिलाने का वादा किया और कहा कि किसी को किसी की जान लेने का कोई हक नहीं है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने रकबर खान के परिजनों को 1.25 लाख रुपये की अंतरिम मदद देने का आदेश दिया है। जिला स्तर पर गठित समिति की रिपोर्ट पर इसे और बढ़ाया जा सकता है। अलवर जिला अस्पताल के तीन सदस्यीय मेडिकल बोर्ड ने रकबर खान की पोस्टमार्टम रिपोर्ट जारी की है। इसके मुताबिक, रकबर के शरीर पर कई जगह चोट के गहरे निशान हैं। उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह पिटाई से सदमे के कारण बताई गई है।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि रकबर को बहुत बेदर्दी से मारा पीटा गया था। रकबर की पोस्ट मॉर्टम रिपोर्ट कहती है कि उनकी पसलियां टूटी हुई थी और एक पैर में भी फ्रैक्चर था। डॉक्टरों की रिपोर्ट कहती है कि इन चोटों के बाद रकबर सदमे में चल बसे। डॉक्टरों की एक टीम ने रकबर के शव का पोस्टमॉर्टम करने के बाद अपनी रिपोर्ट में कहा है कि रकबर के जिस्म पर जगह-जगह चोट के निशान थे। रिपोर्ट के अनुसार रकबर को भोथरे हथियार से चोट पहुंचाई गई।
बता दें कि राजस्थान के अलवर जिले में शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात हुई घटना के अनुसार, गाय की तस्करी करने के संदेह में कुछ व्यक्तियों के समूह ने रकबर खान की कथित रूप से पीट पीट कर हत्या कर दी थी। अलवर के लालवंडी गांव में रकबर और उसका साथी असलम दो गाय लेकर हरियाणा जा रहे थे। तभी कुछ लोगों ने रकबर को पकड़कर उसकी बुरी तरह पिटाई कर दी। असलम भागने में कामयाब रहा। पुलिस घटनास्थल पहुंची लेकिन उसे अस्पताल ले जाने में दो-ढाई घंटे की देरी हुई। अस्पताल ले जाने पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
यह घटना अलवर में ही करीब सवा साल पहले डेयरी किसान पहलू खां की स्वयंभू गौ रक्षकों द्वारा पीट पीट कर हत्या किये जाने की घटना के बाद हुई है। इस घटना के वक्त एक अप्रैल, 2017 को पहलू खां मवेशी को हरियणा स्थित अपने गांव ले जा रहा था। पहलू खां की दो दिन बाद मृत्यु हो गयी थी। पिछले एक साल से अधिक समय से राजस्थान के अलवर शहर में इस तरह के हमले की अनेक घटनायें हुयीं हैं जिनमें स्वयंभू गौ रक्षकों ने गायों को एक स्थान से दूसरे स्थान ले जा रहे लोगों को अपना निशाना बनाया है।