रजनीकांत ने की फिल्म ‘मर्सल’ की तारीफ, कहा- महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया है, बहुत खूब

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वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) और डिजिटल इंडिया योजनाओं पर की गई टिप्पणी के कारण अभिनेता विजय अभिनीत तमिल फिल्म ‘मर्सल’ विवादों में आ गई है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इस फिल्म को लेकर विरोध दर्ज कराया है।इस बीच तमिल फिल्मों के सुपरस्टार रजनीकांत ने अभिनेता विजय और उनकी फिल्म ‘मर्सल’ से जुड़े लोगों की तारीफ करते हुए कहा कि इस फिल्म ने एक महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाया है।

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बहरहाल, रजनीकांत ने यह स्पष्ट नहीं किया कि वह किस मुद्दे की बात कर रहे हैं। वैसे इस फिल्म में जीएसटी का उल्लेख किया गया है, जिस पर बीजेपी ने आपत्ति जताई है। रविवार (22 अक्टूबर) को रजनीकांत ने ट्वीट किया, ‘‘महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाया गया है…बहुत अच्छा, बधाई टीम मर्सल।’

जाहिर है सीधे तौर पर मुद्दे का जिक्र करने से रजनीकांत ने बचने की कोशिश की है, लेकिन माना जा रहा है कि उनका इशारा उन्हीं मुद्दों की तरफ है, जिन्हें लेकर बीजेपी ने आपत्ति जताई थी। बता दें कि अभिनेता विजय की फिल्म ‘मर्सल’ में जीएसटी, नोटबंदी और डिजिटल इंडिया योजनाओं की कथित तौर पर आलोचना की गई है। बीजेपी ने इस फिल्म का विरोध किया करते हुए जीएसटी के विरोध वाले डायलॉग को हटाने की मांग की थी।

इससे पहले मशहूर अभिनेता कमल हासन ने भी फिल्म मर्सल का समर्थन करते हुए ट्विटर पर लिखा था, ‘मर्सल सर्टीफाइड है। इसे फिर से सेंसर न करें। विरोध की आवाज पर तार्किक प्रतिक्रिया दें। आलोचनाओं को चुप न कराएं। जब भारत बोलेगा, तभी तो चमकेगा।’

राहुल गांधी ने ‘मर्सल’ का किया समर्थन

इस बीच कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने ‘मर्सल’ में कुछ संवाद हटाए जाने की मांग करने के लिए तमिलनाडु बीजेपी पर जमकर हमला बोला है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार (21 अक्टूबर) को ‘मर्सल’ के बहाने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए ट्वीट कर कहा, ‘श्रीमान नरेंद्र मोदी सिनेमा तमिल संस्कृति एवं भाषा की सशक्त अभिव्यक्ति है। ‘मर्सल’ में हस्तक्षेप कर तमिल गौरव का विमुद्रीकरण मत करिये।’

वहीं कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने भी इस फिल्म को लेकर सरकार पर तंज किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है, ‘फिल्म निर्माताओं को नोटिस: कानून आने ही वाला है, आप केवल सरकार की नीतियों की सराहाना करने वाले वृत्त चित्र बना सकते हैं।’

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि बीजेपी मर्सल में संवाद निकालने को कह रही है। कल्पना करिए कि आज ‘पराशक्ति’ रिलीज हुई होती।

बता दें कि ‘पराशक्ति’ 1952 में आयी तत्कालीन शीर्ष स्टार शिवाजी गणेशन की पहली फिल्म थी, जिसके संवाद द्रमुक प्रमुख एम करूणानिधि ने लिखे थे। उस समय करूणानिधि भी उभरते हुए पार्टी नेता एवं पटकथा लेखक थे। इस सुपर हिट फिल्म के संवाद बहुत ही प्रभावशाली थे, जिसमें सुधार और समतामूलक आदर्शों को महत्व दिया गया है।

‘मर्सल’ विवाद पर शत्रुघ्न सिन्हा का मोदी सरकार पर हमला

इस बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में पार्टी लाइन से अलग अपने विवादित बयानों के लिए चर्चित सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने एक बार फिर ‘मर्सल’ विवाद के जरिए जीएसटी और नोटबंदी को लेकर फिर मोदी सरकार की आलोचना की है।फिल्म ‘मर्सल’ में जीएसटी व नोटबंदी को लेकर दिखाए गए दृश्‍य पर जारी विवाद के सवाल पर बीजेपी सांसद ने कहा कि जो लोग जीएसटी और नोटबंदी का विरोध कर रहे हैं वे देशद्रोही नहीं हैं।

ANI से बात करते हुए सिन्हा ने कहा कि, ‘कुछ लोग जीएसटी का समर्थन करते हैं और कुछ विरोध। इसी तरह कुछ लोग नोटबंदी का समर्थन करते हैं और कुछ विरोध। इसका मतलब यह नहीं है कि इनकी आलोचना करने वाले देशद्रोही हैं।’

इस सीन को हटाना चाहती है BJP

दरअसल, बीजेपी का आरोप है कि इस फिल्म में जीएसटी और नोटबंदी के बारे में ‘गलत जानकारी’ दी गई है। फिल्म के एक दृश्य में बताया गया है कि सरकार जीएसटी ले रही है, लेकिन लोगों को उसके बदले कोई भी सुविधा नहीं दे रही है। बीजेपी जिस सीन को हटाना चाह रही है, वह सीन सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

फिल्म के इस सीन में अभिनेता विजय कहते हैं, ‘सिंगापुर में लोग सात फीसदी जीएसटी देते हैं और बदले में सरकार मुफ्त चिकित्सा सेवा दे रही है। भारत सरकार 28 फीसदी जीएसटी वसूल कर रही है। लेकिन सरकार मुफ्त में चिकित्सा सेवा क्यों नहीं दे सकती? क्यों? दवाइयों के लिए हम 12 फीसदी टैक्स दे रहे हैं। लेकिन शराब पर कोई जीएसटी नहीं है। भारत में सरकारी अस्तपाल में ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं हैं।’

विजय आगे कहते हैं, ‘यह जानना चाहता हूं कि ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं होने के पीछे क्या वजह थी। दो साल से अस्पताल के पास ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए देने को पैसे नहीं थे। एक अन्य सरकारी अस्पताल में डायलेसिस के दौरान बिजली चली जाती है। चार लोग मर गए। शर्मनाक, उनके पास पावर बेकअप नहीं था। आईसीयू में रखे गए बच्चे की चूहे द्वारा काटने से मौत हो जाती है। लोगों को सरकारी अस्पताल से डर लगता है।’

 

 

 

 

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