मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन पर मृत पड़ी मां को जगाने की कोशिश करते मासूम की वीडियो पर रेलवे का बयान, तेजस्वी यादव ने किया 5 लाख रुपए देने का ऐलान

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मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन पर अपनी मृत माँ को जगाने की कोशिश कर रहे एक मासूम बच्चे का दिल दहला देने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। ख़बरों के मुताबिक, भूख-प्यास की कमी के कारण मुजफ्फरपुर स्टेशन पर ट्रेन आने के कुछ ही देर बाद महिला की मौत हो गई थी। इस वीडियो पर राजनीति भी जमकर हो रही हैं, विपक्षी नेताओं ने वीडियो शेयर कर सरकार पर निशाना साधना शुरु कर दिया।

मुजफ्फरपुर

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता व बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के राजनीतिक सलाहकार संजय यादव ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, “छोटे बच्चे को नहीं मालूम कि जिस चादर के साथ वह खेल रहा है वह हमेशा के लिए मौत की गहरी नींद सो चुकी माँ का कफ़न है। 4 दिन ट्रेन में भूखे-प्यासे रहने के कारण इस माँ की मौत हो गयी। ट्रेनों में हुई इन मौतों का ज़िम्मेवार कौन? विपक्ष से कड़े सवाल पूछे जाने चाहिए कि नहीं?”

इस वीडियो पर तेजस्वी यादव ने भी अपनी प्रतिक्रियां दी। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “मृत महिला अरबिना ख़ातून के पति दो साल पहले उन्हें छोड़ के जा चुके है। तत्काल दोनों बच्चों के लिए हम 5 लाख की आर्थिक मदद कर रहे है ताकि वयस्क होने तक उनके नाम FD रहे। उनकी पढ़ाई का ज़िम्मा और साथ ही देखभाल करने वाले नज़दीकी पारिवारिक सदस्य को गृह ज़िला कटिहार में ही नौकरी देंगे।”

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, महिला अपने बच्चे के साथ गुजरात से ट्रेन में सवार हुई थी लेकिन बिहार के मुजफ्फरपुर में अपने घर पहुंचने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया। वहीं, रेलवे का कहना है कि 35 वर्षीय महिला की मौत दिल की बीमारियों के कारण हुई हैं। वीडियो में एक छोटा बच्चा प्लेटफॉर्म पर रखे अपनी मां के शव पर से कंबल हटाकर उसे जगाने की कोशिश करता दिख रहा है। वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही पहले से ही श्रमिक विशेष ट्रेनों के संचालन के लिये आलोचना झेल रहे रेलवे की मुश्किलें और बढ़ गईं।

रेलवे ने कहा कि सूरत से पूर्णिया जा रही ट्रेन सुबह नौ बजकर 17 मिनट पर मानसी स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर तीन पर पहुंची, जहां कुछ लोग महिला के शव को ट्रेन से उतारते दिखे। बाद में महिला की पहचान उरेश खातून के रूप में हुई। रेलवे ने कहा कि महिला के एक रिश्तेदार ने रेलवे पुलिस को जो बयान दिया है, उसके अनुसार वह कटिहार की निवासी थी। वह दिल की बीमारियों से पीड़ित थी और 22 मार्च को उसकी सर्जरी हुई थी। रेलवे के अनुसार महिला के रिश्तेदार के लिखित बयान के अनुसार उसे 24 मई को छुट्टी दी गई थी, जिसके बाद उसने अपना सफर शुरू किया।

वहीं, आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह ने सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए रेल मंत्री पीयूष गोयल पर निशाना साधा और रेलवे के प्रवक्ता पर झूठ बोलने का आरोप लगाया। सिंह ने वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, ”महिला के पुत्र ने थाने में अपने बयान में कहा है कि जब ट्रेन बेगूसराय के निकट पहुंची तो उन्होंने उसे जगाना शुरू किया और जब वह नहीं जगी तो वे मानसी में उतरे। रेल मंत्री पीयूष गोयल जी क्या आपने रेलवे के प्रवक्ता को झूठ बोलने को कहा है? अगर नहीं कहा तो मृत महिला के परिवार के सदस्य का बयान सुनिये कि ‘महिला बीमार नहीं थी, ट्रेन में बीमार हुई, कोई मदद नहीं मिली। ट्रेनों की देरी के कारण भूख प्यास से 7 लोगों की जान गई। दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करो।” उन्होंने पीयूष गोयल को देश के इतिहास का सबसे असंवेदनशील और नाकाम रेल मंत्री बताया। (इंपुट: भाषा के साथ)

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