कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने आगरा के पारस अस्पताल में कुछ हफ्ते पहले ऑक्सीजन की मॉक ड्रिल के दौरान एक साथ 22 मरीजों की मौत होने संबंधी खबर को लेकर मंगलवर को उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधा और कहा कि इस खतरनाक अपराध के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने जिस खबर का हवाला दिया उसमें कथित वीडियो के आधार पर कहा गया है कि 26 अप्रैल को ऑक्सीजन की मॉक ड्रिल के दौरान 22 मरीजों की मौत हो गई थी।
राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा, “भाजपा शासन में ऑक्सीजन व मानवता दोनों की भारी कमी है। इस ख़तरनाक अपराध के ज़िम्मेदार सभी लोगों के ख़िलाफ़ तुरंत कार्यवाही होनी चाहिए। दुख की इस घड़ी में मृतकों के परिवारजनों को मेरी संवेदनाएँ।”
भाजपा शासन में ऑक्सीजन व मानवता दोनों की भारी कमी है।
इस ख़तरनाक अपराध के ज़िम्मेदार सभी लोगों के ख़िलाफ़ तुरंत कार्यवाही होनी चाहिए।दुख की इस घड़ी में मृतकों के परिवारजनों को मेरी संवेदनाएँ। pic.twitter.com/CYoBB0mJWe
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 8, 2021
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इस खबर के संदर्भ में ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री कहते हैं कि मैंने ऑक्सीजन की कमी नहीं होने दी। मुख्यमंत्री कहते हैं कि ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं और कमी की अफवाह फैलाने वालों की संपत्ति जब्त होगी। मंत्री कहते हैं कि मरीजों को जरूरत भर ऑक्सीजन दें, ज्यादा न दें। जबकि आगरा अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म थी। 22 मरीजों की ऑक्सीजन बंद करके मॉकड्रिल की गई।’’ उन्होंने सवाल किया कि आखिर इसके लिए जिम्मेदार कौन है?
PM: “मैंने ऑक्सीजन की कमी नहीं होने दी”
CM: "ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं। कमी की अफवाह फैलाने वालों की संपत्ति जब्त होगी।"
मंत्री: “मरीजों को जरूरत भर ऑक्सीजन दें। ज्यादा ऑक्सीजन न दें।”
आगरा अस्पताल: "ऑक्सीजन खत्म थी। 22 मरीजों की ऑक्सीजन बंद करके मॉकड्रिल की।"
ज़िम्मेदार कौन? pic.twitter.com/DbiqtILE27
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 8, 2021
गौरतलब है कि, कोरोना महामारी के बीच उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में एक अस्पताल से दिल दहला देने वाली ख़बर सामने आई है। ख़बरों के मुताबिक, यहां के एक निजी अस्पताल में ऑक्सीजन मॉक ड्रिल के दौरान सिर्फ 5 मिनट में भी 22 मरीजों की मौत का मामला सामने आया है। पूरे मामले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें डॉक्टर खुद अपनी घिनौनी करतूत को कबूल करता दिख रहा है।
पारस अस्पताल का मामला सुर्खियां बनने के बाद जिला प्रशासन से लेकर शासन तक इस मामले में हड़कंप मचा है। पूरे मामले की मजिस्ट्रियल जांच कराई जा रही है। आगरा की महफूज बचपन संस्था के समन्वयक नरेश पारस ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को पत्र लिख आरोपित चिकित्सक के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कराने की मांग की गई है।