आज यानी 8 नवंबर (बुधवार) को नोटबंदी के फैसले को एक साल पूरे हो गए हैं। इस पर देश की दोनों बड़ी पार्टियों के बीच सियासी तनातनी भी शुरू हो गई है। एक तरफ कांग्रेस के नेतृत्व में 18 विपक्षी पार्टियां नोटबंदी के एक वर्ष पूरा होने पर जहां ‘काला दिवस’ मना रही हैं, वहीं सत्तारूढ़ बीजेपी आज ‘कालाधन विरोधी दिवस’ (रिपीट कालाधन विरोधी दिवस) के रूप में जश्न मना रही है।
इस बीच नोटबंदी की पहली बरसी पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी आज सूरत में व्यापारियों के साथ विरोध-प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस उपाध्यक्ष आज सूरत का दौरा करेंगे और वहां विपक्षी दलों के ‘‘काला दिवस’’ प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे।
कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि राहुल आज सुबह सूरत पहुंचेंगे जहां वह उद्योग जगत के प्रतिनिधियों और कामगारों के साथ अनौपचारिक बैठक करेंगे। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही वह सूरत के चौक बाजार में विवेकानंद की प्रतिमा के नजदीक ‘काला दिवस’ के अवसर पर कैंडल मार्च में हिस्सा लेंगे।
नोटबंदी को बताया ‘त्रासदी’
इस बीच कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने नोटबंदी के एक साल पूरे होने पर मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोला है।कांग्रेस उपाध्यक्ष ने बुधवार सुबह नोटबंदी के बाद लोगों को हुई परेशानियों की ओर इशारा करते हुए ट्विटर पर एक बुजुर्ग की तस्वीर शेयर की जो बैंक की लाइन में खड़े रोते दिख रहे हैं। राहुल ने इस तस्वीर के साथ लिखा, ‘एक आँसू भी हुकूमत के लिए ख़तरा है, तुमने देखा नहीं आँखों का समुंदर होना।’
"एक आँसू भी हुकूमत के लिए ख़तरा है
तुमने देखा नहीं आँखों का समुंदर होना" pic.twitter.com/r9NuCkmO6t— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 8, 2017
राहुल गांधी ने एक और ट्वीट कर नोटबंदी को त्रासदी करार दिया है। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने ट्वीट किया, ‘नोटबंदी एक त्रासदी है। हम उन लाखों ईमानदार भारतीयों के साथ हैं, जिनका जीवन और जीविका के साधन प्रधानमंत्री के विचारहीन कदम से बर्बाद हो गया।’
Demonetisation is a tragedy. We stand with millions of honest Indians, whose lives & livelihoods were destroyed by PM’s thoughtless act.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 8, 2017
गौरतलब है कि पिछले साल 8 नवंबर 2016 को मोदी सरकार ने 500 और 1000 के नोटों पर बैन लगा दिया था। जिसके बाद आम जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। नोटबंदी के दौरान लोगों को करीब 50 दिन तक लंबी कतारों में लगाना पड़ा। हालांकि विपक्षी पार्टियों ने नोटबंदी के इस फैसले का जमकर विरोध किया था, लेकिन सरकारी फैसले के सामने किसी की नहीं चली।