मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में पुलिस फायरिंग में मारे 6 किसानों के पीड़ित परिवारों से मिलने जा रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया है। हालांकि, कांग्रेस उपाध्यक्ष ने जमानत लेने से इनकार कर दिया था, लेकिन जब प्रशासन ने उन्हें पीड़ित परिवारों से मिलने की इजाजत दे दी तो उन्होंने जमानत लेना स्वीकार कर लिया।
जिसके बाद राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश और राजस्थान के सीमा पर मारे गए किसानों के पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। पीड़ित परिवारों से मिलने के बाद राहुल ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि कर्ज माफ होता है तो हिंदुस्तान के 50 सबसे अमीर लोगों का होता है, किसानों का नहीं होता।
Inki(kin) maang hai inhe(victims) Shaheed ka darja milna chahiye, Congress ye baat uthayegi aur poori madad karegi: Rahul Gandhi #Mandsaur pic.twitter.com/Xklpd0bKe0
— ANI (@ANI) June 8, 2017
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि पीड़ित परिवारों की मांग है कि मारे गए किसानों को शहीद का दर्जा मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस यह बात उठाएगी और पूरी मदद करेगी। राहुल ने मांग की कि किसानों पर गोली चलाने वालों पर कार्रवाई होना चाहिए।
बता दें कि इससे पहले मंदसौर जा रहे राहुल गांधी को आज(8 जून) उनके समर्थकों सहित मध्यप्रदेश में प्रवेश करने के दौरान हिरासत में ले लिया गया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सैंकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ताओं तथा राजस्थान कांग्रेस प्रमुख सचिन पायलट और मध्यप्रदेश के विधायक जयवर्धन सिंह जैसे वरिष्ठ नेताओं को भी हिरासत में लिया गया है। जिसके बाद उन्हें एक सीमेंट कंपनी के गेस्टहाउस ले जाया गया।
बता दें कि मंदसौर हिंसा की आग अब कई अन्य जिलों में फैलती जा रही है। मंदसौर और दूसरे कई जिलों में किसानों का आंदोलन उग्र होने की वजह से हिंसक घटनाएं बढ़ रही हैं। बुधवार को गुस्साएं प्रदर्शनकारियों ने मंदसौर, देवास, नीमच, धार और इंदौर सहित कई हिस्सों में लूटपाट, आगजनी, तोड़फोड़ और पथराव किया।
साथ गुरुवार को प्रदर्शनकारियों ने मंदसौर में एक टोल प्लाजा में तोड़फोड़ की और वहां रखे 8-10 रुपये लूट लिए। बता दें कि मंदसौर में मंगलवार(6 जून) को पुलिस फायरिंग में गोली लगने से पांच किसानों समेत छह लोगों की मौत हो गई।वहीं, गुरुवार(8 जून) को मध्य प्रदेश सरकार ने आखिरकार मान लिया कि मंदसौर में भड़के किसान आंदोलन में पांच लोगों की मौत पुलिस की गोली से ही हुई थी।
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1 जून आंदोलन कर रहे हैं किसान
बता दें कि मध्यप्रदेश में किसानों ने गुरुवार(1 जून) को शिवराज सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कर्ज माफी और अपनी फसल के वाजिब दाम की मांग को लेकर किसानों की हड़ताल अभी भी जारी है। किसानों ने पश्चिमी मध्य प्रदेश में अपनी तरह के पहले आंदोलन की शुरूआत करते हुए अनाज, दूध और फल-सब्जियों की आपूर्ति रोक दी है। सोशल मीडिया के जरिए शुरू हुआ किसानों का आंदोलन 10 दिन तक चलेगा।
किसानों की प्रमुख मांगे
- स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू की जाएं।
- किसानों को फसलों का उचित दाम मिले और समर्थन मूल्य बढ़ाया जाए।
- आलू, प्याज सहित सभी प्रकार की फसलों का समर्थन मूल्य घोषित किया जाए।
- आलू, प्याज की कीमत 1500 रुपये प्रति क्वंटल हो।
- बिजली की बढ़ी हुई दरें सरकार जल्द से जल्द वापस लें।
- आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज सभी मुकदमे वापस लिए जाएं।
- मंडी शुल्क वापस लिया जाए।
- फसलीय कृषि कर्ज की सीमा 10 लाख रुपए की जाए।
- वसूली की समय-सीमा नवंबर और मई की जाए।
- किसानों की कर्ज माफी हो।
- मध्यप्रदेश में दूध उत्पादक किसानों को 52 रुपये प्रति लीटर दूध का भाव तय हो।