देश में बढ़ रहे मॉब लिंचिंग (भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या) के मामलों पर चिंता जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला पत्र लिखने वाले करीब 50 हस्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने के एक दिन बाद शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी या उनकी सरकार के खिलाफ कुछ भी कहने वालों को सलाखों के पीछे डाल दिया जाता है।
केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने कहा कि देश तानाशाही की ओर बढ़ रहा है और यह बात अब किसी से छिपी नहीं है। राहुल गांधी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘‘हर कोई जानता है कि देश में क्या हो रहा है। यह बात किसी से छिपी नहीं है, बल्कि पूरा देश यह जानता है। हम तानाशाही की ओर बढ़ रहे हैं। यह बात काफी हद तक स्पष्ट है।’’ राहुल गांधी बांदीपुर बाघ अभयारण्य से होकर गुजरने वाले राजमार्ग पर रात में वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाए जाने का विरोध कर रहे लोगों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए यहां आए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘जो प्रधानमंत्री के खिलाफ कुछ कहता है, जो सरकार के खिलाफ आवाज उठाता है, उसे जेल भेज दिया जाता है और उस पर हमला किया जाता है। मीडिया को दबा दिया गया है। हर कोई जानता है कि क्या चल रहा है। यह बात किसी से छिपी नहीं है।’’ गांधी ने कहा कि देश में दो विचारधाराएं हैं। इनमें से एक विचारधारा इस बात का समर्थन करती है कि ‘‘एक व्यक्ति, एक विचारधारा’’ से देश का शासन चले।
उन्होंने कहा, ‘‘एक तरफ यह विचार है कि एक व्यक्ति, एक विचारधारा से देश का शासन चलना चाहिए और बाकी सभी को मुंह बंद रखना चाहिए। दूसरी ओर, कांग्रेस पार्टी और विपक्ष है जो इसे मानने से इनकार कर रहे हैं। वे कह रहे हैं कि इस देश में विभिन्न विचार, विभिन्न भाषाएं, संस्कृतियां एवं कई प्रकार के विचार हैं और उनकी आवाज को दबाया नहीं जाना चाहिए। देश में यह मुख्य संघर्ष चल रहा है।’’
Rahul Gandhi reacts to filing of FIR against 50 citizens, who wrote to PM Modi against mob lynchings. pic.twitter.com/8YHACxHHYp
— Janta Ka Reporter (@JantaKaReporter) October 4, 2019
भीड़ द्वारा पीट-पीटकर जान लेने के मामलों पर चिंता जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री मोदी को खुला खत लिखने वाले रामचंद्र गुहा, मणिरत्नम और अपर्णा सेन समेत करीब 50 लोगों के खिलाफ बिहार के मुजफ्फरपुर में गुरूवार को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। स्थानीय वकील सुधीर कुमार ओझा की ओर से दो महीने पहले दायर की गई एक याचिका पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) सूर्य कांत तिवारी के आदेश के बाद यह प्राथमिकी दर्ज हुई है।
ओझा का आरोप है कि इन हस्तियों ने देश और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को कथित तौर पर धूमिल किया। पुलिस ने बताया कि प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत दर्ज की गई है। इसमें राजद्रोह, उपद्रव करने, शांति भंग करने के इरादे से धार्मिक भावनाओं को आहत करने से संबंधित धाराएं लगाई गईं हैं।
बता दें कि, इसी साल जुलाई में देशभर की करीब 49 बड़ी हस्तियों (जिसमें अनुराग कश्यप और श्याम बेनेगल जैसे लोग शामिल हैं) ने पीएम मोदी के नाम एक चिट्ठी लिखी थी। इन हस्तियों में समाज सेवक, बुद्धिजीवी, फिल्मकार और कलाकार शामिल हैं। इस चिट्ठी में देशभर में मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं पर गहरी चिंता जताई गई थी। साथ ही मांग की गई थी कि ऐसे अपराध को गैर-जमानती बनाया जाए और दोषियों को कठोर सजा दी जाए।
मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर पीएम मोदी के नाम चिट्ठी लिखने वालों सेलिब्रिटीज में साउथ सिनेमा के सबसे बड़े फिल्म निर्देशक अदूर गोपालकृष्णन, मणि रत्नम, फिल्मकार अनुराग कश्यप, बिनायक सेन, सौमित्रो चटर्जी, अभिनेत्री अपर्णा सेन, कोंकणा सेन शर्मा, रेवती, फिल्मकार श्याम बेनेगल, शुभम मुद्गल, रूपम इस्लाम, अनुपम रॉय, परमब्रता, रिद्धि सेन शामिल हैं। इसके अलावा पत्र में बिनायक सेन, डायरेक्टर अंजना दतता और गौतम घोष ने भी हस्ताक्षर किए हैं। (इंपुट: भाषा के साथ)