अगस्त 2017 में देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट द्वारा तीन तलाक को ‘अवैध करार’ देने वाले फैसले पर जश्न मनाने वाली केंद्र में सत्ताधारी बीजेपी, आरएसएस और मोदी सरकार के मंत्री अब केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश करने की इजाजत देने के अदालत के फैसले को मानने से इनकार कर रहे हैं। बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत खुलकर सबरीमला मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ विरोध कर रहे भगवान अयप्पा के श्रद्धालुओं का खुलकर समर्थन कर चुके हैं।
बीजेपी-आरएसएस के विरोध के बीच सुप्रीम कोर्ट के सबरीमाला मंदिर संबंधी फैसले के मुताबिक केरल के इस देवस्थान में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश दिए जाने के मत का कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने निजी तौर पर मंगलवार (30 अक्टूबर) को समर्थन किया। राहुल गांधी ने कहा कि सभी आयुवर्ग की महिलाओं को सबरीमला मंदिर में प्रवेश की अनुमति होनी चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष की यह टिप्पणी उनकी पार्टी की केरल इकाई द्वारा अपनाए गए रुख से ठीक विपरीत है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक हालांकि राहुल गांधी ने माना कि इस “भावनात्मक मुद्दे” पर उनकी सोच उनकी पार्टी की केरल इकाई से अलग है। उन्होंने मध्य प्रदेश के इंदौर में चुनिंदा संपादकों और पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में एक सवाल पर कहा, “सबरीमला मामले में मेरा निजी दृष्टिकोण यह है कि महिलाएं और पुरुष बराबर हैं। (सभी) महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में जाने की अनुमति मिलनी चाहिए। हालांकि, केरल में मेरी पार्टी का दृष्टिकोण है कि सबरीमाला मंदिर मामला वहां महिलाओं और पुरुषों, दोनों के लिए एक बेहद भावनात्मक मुद्दा है।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “…तो मेरा निजी मत और केरल में मेरी पार्टी के विचार इस मामले में अलग-अलग हैं। मेरी पार्टी केरल में वहां के मूल निवासियों की भावनाओं का प्रतिनिधित्व करती है।” राहुल गांधी ने ये टिप्पणियां ऐसे दिन कीं जब बीजेपी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट के सबरीमला मंदिर में सभी महिलाओं के प्रवेश संबंधी आदेश को लागू करने के एलडीएफ सरकार के फैसले तथा प्रदर्शनकारियों की पुलिस द्वारा धरपकड़ के विरोध में तिरूवनंतपुरम में प्रदेश पुलिस प्रमुख के कार्यालय के सामने ‘‘भूख हड़ताल’’ की।
केरल के सीएम ने राहुल गांधी के बयान का किया स्वागत
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने राहुल गांधी के बयान का स्वागत किया और कांग्रेस प्रदेश इकाई को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि यह ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ है कि कांग्रेस की राज्य इकाई का रुख सबरीमला मुद्दे पर अपने राष्ट्रीय नेतृत्व के रुख के अनुरूप नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेसी नेताओं का एक धड़ा इस मुद्दे पर ‘‘रुढिवादी’’ रुख अपना रहा है जिससे केवल बीजेपी को मदद मिलेगी। केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता चेन्नीथला ने कहा कि राज्य में कांग्रेस और पार्टी नीत यूडीएफ भगवान अयप्पा के श्रद्धालुओं के साथ है जो चाहते हैं कि मासिक धर्म की आयु वाली महिलाओं और लड़कियों के प्रवेश पर पाबंदी फिर से लगे।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने केरल के भगवान अयप्पा के मंदिर में महावारी आयु वाली महिलाओं के प्रवेश पर लगी पाबंदी हटा दी थी। सबरीमला मंदिर की पुरानी परंपरा के अनुसार 10 से 50 वर्ष की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर लगी पाबंदी को खत्म कर दिया था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद अब भी महिलाओं को मंदिर में नहीं जाने दिया जा रहा है।