कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार (12 फरवरी) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक बार फिर राफेल सौदे मामले को लेकर हमला बोला। राफेल मामले में सामने आई एक नई मीडिया रिपोर्ट की पृष्ठभूमि में राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर उद्योगपति अनिल अंबानी के ‘बिचौलिए’ की तरह काम करने और सरकारी गोपनीयता कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इसको लेकर मोदी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू होनी चाहिए।

कांग्रेस अध्यक्ष ने राफेल सौदे को लेकर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला जारी रखते हुए कहा कि उन्होंने रक्षा सौदे में सिर्फ प्रक्रियाओं का उल्लंघन ही नहीं किया है बल्कि गोपनीयता को भी तोड़ा है और राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया है। इसलिए उनके खिलाफ आपराधिक मामला चलना चाहिए। उन्होंने एक अंग्रेजी अखबार की खबर का हवाला देते हुए सवाल किया कि प्रधानमंत्री के फ्रांस दौरे से पहले अंबानी को कैसे पता चल गया था कि सौदा होने वाला है और कांट्रैक्ट उन्हें मिलने वाला है?
प्रेस कॉन्फेंस के दौरान राहुल गांधी ने पत्रकारों से कहा, ‘‘एक ईमेल सामने आया है जिससे सवाल पैदा होता है कि अनिल अंबानी कैसे प्रधानमंत्री के दौरे से पहले फ्रांस के रक्षा मंत्री से मुलाकात कर रहे थे?’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को सौदे के बारे पता नहीं था। तत्कालीन विदेश सचिव को नहीं मालूम था। एचएएल को नहीं मालूम था। लेकिन अनिल अंबानी को पहले से पता था कि सौदा होने वाला है, जबकि अंबानी फ्रांस के रक्षा मंत्री के साथ बैठकर बातचीत कर रहे थे।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘यह सरकारी गोपनीयता कानून का उल्लंघन है। इसको लेकर प्रधानमंत्री के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू होनी चाहिए। राहुल गांधी ने दावा किया, ‘‘प्रधानमंत्री अनिल अंबानी के लिए बिचौलिए की तरह काम कर रहे हैं। यह पूरी तरह स्पष्ट है।’’ उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री ने देश की सुरक्षा के साथ समझौता किया, उन्होंने एक ऐसे व्यक्ति को सुरक्षा संबंधी राज बताए जिसे इसकी जानकारी नहीं होनी चाहिए थी।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने सवाल उठाया कि जिस सौदे की जानकारी रक्षा सौदे से जुड़े मंत्री और अधिकारी को नहीं थी उसके बारे में अनिल अंबानी को कैसे मालूम हुआ, प्रधानमंत्री को इस बारे में जवाब देना चाहिए। उन्होंने पीएम मोदी पर इस सौदे को लेकर अनिल अंबानी के लिए बिचौलिये की भूमिका निभाने का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि इसमें कोई गड़बड़ी नहीं हुई है, तो प्रधानमंत्री को इसकी जांच करानी चाहिए और इसके लिए संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) का गठन करना चाहिए।
गांधी ने कहा कि राफेल में भ्रष्टाचार हुआ है, रक्षा सौदा की प्रक्रियाओं का उल्लंघन हुआ है और अब रक्षा सौदे में गोपनीयता का उल्लंघन हुआ है। उन्होंने इसे गंभीर मसला बताते हुए इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतनाक करार दिया और कहा कि इस पूरे प्रकरण की जांच होनी चाहिए। उन्होंने इस मामले से जुड़ी कैग रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर कहा कि ‘चौकीदार ऑडिटर जनरल रिपोर्ट’ है जिसका कोई मतलब नहीं है। गौरतलब है कि केंद्र की मोदी सरकार और अंबानी का समूह कांग्रेस अध्यक्ष की ओर से लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को पहले ही खारिज कर चुके हैं।
कैग की रिपोर्ट संसद में पेश
विवादों में घिरे राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की बहुप्रतीक्षित रिपोर्ट मंगलवार को संसद के दोनों सदनों में पेश की गई। वित्त राज्यमंत्री पी. राधाकृष्णन ने राज्यसभा में इस रिपोर्ट को पेश किया। इसके बाद उन्होंने इसे लोकसभा में भी रखा। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे द्वारा इस रिपोर्ट को सदन में पेश करने से पहले मीडिया में लीक करने का आरोप लगाने पर कहा कि राफेल से जुड़ी कैग की रिपोर्ट सदन पटल पर रखी जा चुकी है।
वार्ता के मुताबिक उन्होंने कहा, “आप अपनी पार्टी के नेता हैं। आपको पता होना चाहिए। वित्त राज्य मंत्री पी. राधाकृष्णन ने यह रिपोर्ट सदन के पटल पर रखी है।” इससे पहले खगडे ने आरोप लगाया था कि राफेल पर कैग की रिपोर्ट राज्यसभा में पेश की जा चुकी है। मीडिया में यह रिपोर्ट लीक भी हो चुकी है। लेकिन, लोकसभा में यह रिपोर्ट अब तक नहीं रखी गई है। बता दें कि जनता का रिपोर्टर ने पिछले साल राफेल से जुड़ी कई रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसके बाद विवाद बढ़ता गया। (इनपुट- पीटीआई/यूनिवार्ता/एएनआई के साथ)