फेसबुक डाटा लीक मामला: कैंब्रिज एनालिटिका को कांग्रेस को हराने के लिए गुजरात के व्यापारी ने दिया था पैसा! सनसनीखेज खुलासे के बाद राहुल गांधी ने BJP पर लगाया ‘झूठ की फैक्ट्री’ चलाने का आरोप

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ब्रिटिश कन्सल्टिंग कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका द्वारा पांच करोड़ फेसबुक यूजर्स की जानकारी चुराने का मामला भारत में राजनीतिक रंग ले चुका है। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस आपस में भिड़ी हुईं हैं। बुधवार (21 मार्च) को दोनों पार्टियों ने एक-दूसरे पर चुनावों में कैंब्रिज एनालिटिका की सेवा लेने का आरोप लगाया है। इस बीच एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है कि कैंब्रिज एनालिटिका ने कथित तौर कांग्रेस को हराने के लिए साजिश रची थी। चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि कैंब्रिज एनालिटिका की सहयोगी कंपनी स्ट्रेटेजिक कम्युनिकेशंस लेबोरेटरीज (SCL) भारत में डबल गेम खेल रही थी। वह काम तो कांग्रेस को जिताने के लिए करने जा रही थी, लेकिन किसी और के इशारे पर उसे हराने के लिए काम करने लगी। इतना ही नहीं एनालिटिका को 2012 में कांग्रेस को हराने के लिए भुगतान भी किया गया था।

कैंब्रिज एनालिटिका की सहयोगी कंपनी SCL के भारत में डायरेक्टर रहे अवनीश राय ने NDTV को दिए इंटरव्यू में खुलासा किया कि साल 2012 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने उन्हें अप्रोच किया था। उन्होंने बताया कि कैंब्रिज एनालिटिका ने राहुल गांधी को हराने के लिए गुजरात के किसी व्यापारी से पैसे लिए थे। इस खुलासे के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर बड़ा हमला बोला है।

राहुल ने NDTV के इस खबर के लिंक को शेयर करते हुए ट्वीट कर कहा है कि बीजेपी की झूठ की फैक्ट्री काम पर है। उन्होंने लिखा है कि, ‘बीजेपी की झूठ की फैक्ट्री काम पर है। पत्रकार इस पर खबर कर रहे हैं कि कैसे साल 2012 में कांग्रेस को नाकाम करने और उसमें घुसपैठ करने के लिए कैंब्रिज एनालिटिका को पैसे दिए गए थे। बीजेपी कैबिनेट मंत्री को झूठ और फर्जी खबरें फैलाने के लिए दौड़ाती है कि कांग्रेस ने CA के साथ काम किया। असली खबरें सब खराब कर देती है।’

कैंब्रिज एनालिटिका ने कांग्रेस को हराने के लिए किया था काम?

दरअसल, जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के प्रधान महासचिव केसी त्यागी के बेटे अमरीश त्यागी कैंब्रिज एनालिटिका की भारतीय पार्टनर कंपनी ओवलेनो बिजनेस इंटेलीजेंस (OBI) के संस्थापक हैं। भारत में कैंब्रिज एनालिटिका की सहयोगी कंपनी स्ट्रेटेजिक कम्युनिकेशंस लेबारेटरीज (SCL) भारतीय सहयोगी कंपनी ओवलेनो बिजनेस इंटेलीजेंस (OBI) के साथ मिलकर काम करती है। दरअसल, पहले कैंब्रिज एनालिटिका की ब्रांच को भारत में स्ट्रेटेजिक कम्युनिकेशंस लेबोरेटरीज (SCL) और ओवलेने बिजनेस इंटेलिजेंस (OBI), दो नामों से चलाया जा रहा था।

रिपोर्ट्स के मुताबिक SCL को अवनीश राय और OBI को जेडीयू नेता केसी प्यागी के बेटे अमरीश त्यागी चलाते थे। NDTV को दिए इंटरव्यू में केसी त्यागी के साथ काम कर चुके अविनाश त्यागी ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए दावा किया है कि कैंब्रिज एनालिटिका के सीईओ अलेक्जैंडर निक्स ने कांग्रेस को हराने के लिए साजिश रची थी। इंटरव्यू में खुलासा किया कि साल 2012 के यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें अप्रोच किया था। उन्होंने बताया कि कैंब्रिज एनालिटिका ने राहुल गांधी को हराने के लिए गुजरात के किसी व्यापारी से पैसे लिए थे।

भारत में कैंब्रिज एनालिटिका की सहयोगी कंपनी SCL के इंडिया में डायरेक्टर रहे अवनीश राय ने NDTV को बताया बात 2009 की है। जब वो डॉक्टर महेश शर्मा (वर्तमान में मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री हैं) के लिए गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) में चुनाव का काम देख रहे थे। 2009 में महेश शर्मा हार गए थे। राय के मुताबिक हार की वजहों को जानने के लिए मैंने अपने कई दोस्तों से बात की। तो उसी सिलसिले में एक कॉमन फ्रेंड ने अलेक्जैंडर निक्स से बात कराई। फोन पर बात करने पर उन्होंने कहा कि इंडिया में मार्केट है? हम लोग साथ काम कर सकते हैं? मैंने हामी भर दी।

राय के मुताबिक साल 2011 में अलेक्जैंडर निक्स भारत आए। फिर बातचीत हुई तो उन्होंने कहा कि भारत में काम करेंगे तो डायरेक्टर यहां के रहेंगे और दो डायरेक्टर वहां के रहेंगे। भारत में पहला डायरेक्टर मैं और दूसरा केसी त्यागी के बेटे अमरीश त्यागी बनाए गए। हम दोनों पहले से साथ में काम करते थे। उस वक्त अलेक्जैंडर निक्स ने इंडिया में स्ट्रेटजिक कम्यूनिकेश्स लैबोरेट्री (SCL) बनाई। अवनीश राय के मुताबिक कुछ दिनों के बाद हमसे मिलने के लिए एक एनआरआई लड़की आई। जिसने अपने आप का क्लाइंट कहा। उसका बैकग्राउंड गुजरात से था।

क्लाइंट सुनकर राय को डाउट हुआ। जिसके बाद उन्होंने उससे काफी पूछताछ की तो पता चला कि वो कांग्रेस को हराने के लिए आई है। उसने राय से कांग्रेस के भ्रष्टाचार की लिस्ट मांगी। इसके बाद ऐसे सवाल बनाएं जो मतादाताओं के दिमाग को कांग्रेस के खिलाफ करते थे। बाद में पता चला कि ब्रिटेन की इस टीम को गुजरात के किसी कारोबारी ने पैसे दिए हैं। लेकिन अवनीश ने बाद में एनआरआई लड़की से डील करने से मना कर दिया। राय और टीम के अन्य लोगों ने सवाल किया कि सर्वे के सवाल कांग्रेस विरोधी क्यों बनाए गए हैं, इस पर लड़की के मुंह से निकल पड़ा कि उसकी टीम कांग्रेस को हराने के लिए आई है।

जिसके बाद राय का माथा ठनक गया। बाद में यह पता चला कि ब्रिटेन की इस टीम को गुजरात के एक कारोबारी ने पैसा दिया है, जो कांग्रेस को हराना चाहते हैं। यह एक डबल गेम था। अलेक्जैंडर निक्स और उनकी कंपनी कांग्रेस से डील करने की कोशिश कर रही थी, यानी वह पैसा तो कांग्रेस के लिए माहौल बनाने के लिए लेती, लेकिन वास्तव में उसे हराने के लिए काम करती। इस मसले पर ब्रिटिश और भारतीय साझेदारों में विवाद हुआ और दोनों के रास्ते अलग हो गए।

अवनीश राय ने बताया कि बात साल 2012 के यूपी विधानसभा चुनाव की है। उन्हें बीजेपी ने अप्रोच किया था। समय कम था डेट पहले घोषित हो गई थी। बीजेपी की मांग थी कि बूथ लेवल पर कास्ट और उम्र के हिसाब से वोटर्स की समरी चाहिए। उम्र के हिसाब से तो पूरे स्टेट का दिया था और कास्ट और पोलिंग बूथ्स का बिहेवियर दिया था। इसके लिए बीजेपी ने हमे पे किया था। यह डील आरएसएस नेता संजय जोशी के घर पर हुई थी। उस वक्त उन्हें उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया था।

क्या है मामला?

बता दें कि ब्रिटिश डेटा विश्लेषण कंपनी, कैम्ब्रिज एनालिटिका पर आरोप है कि उसने पांच करोड़ फेसबुक उपयोगकर्ताओं के निजी डेटा बिना उनकी मंजूरी के चुरा लिए हैं और उसका उपयोग राजनेताओं की मदद के लिए किया गया, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और ब्रेक्सिट अभियान शामिल हैं। कंपनी पर आरोप है कि उसने 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान मतदाताओं को डोनाल्ड ट्रंप के पक्ष में प्रभावित करने के लिए फेसबुक के पांच करोड़ उपयोगकर्ताओं की व्यक्तिगत जानकारियों का दुरुपयोग किया था।

इस मामले के सामने आने के बाद फेसबुक और कैंब्रिज एनालिटिका दोनो को यूरोपीय संघ, ब्रिटेन समेत अमेरिका में भी कानूनी कार्रवाइयों का सामना करना पड़ रहा है। दोनों कंपनियां इस मामले को लेकर भारी आलोचना झेल रहीं हैं। इस बीच भारत ने भी बुधवार (21 मार्च) को फेसबुक और उसके सीईओ मार्क जुकरबर्ग को कथित तौर पर चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए डेटा का दुरुपयोग करने को लेकर सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। रविशंकर प्रसाद ने जुकरबर्ग को चेताते हुए कहा कि आईटी कानून में हमारे पास काफी अधिकार हैं। आपको भारत में समन भी किया जा सकता है।

जुकरबर्ग ने भरोसा तोड़ने के लिए माफी मांगी

फेसबुक डाटा लीक मामले में सोशल नेटवर्किग साइट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जुकरबर्ग ने गुरुवार (22 मार्च) को फेसबुक उपयोगकर्ता से माफी मांगी है। जुकरबर्ग ने कहा कि भारत में चुनाव से पहले डाटा लीक को रोकने के लिए सुरक्षा सुविधाओं को मजबूत किया जाएगा। उन्होंने दो अरब फेसबुक उपयोगकर्ताओं से उनका विश्वास टूटने पर माफी मांगी और डाटा को सुरक्षित रखने के लिए कई कदम उठाने का वादा किया।

फेसबुक के सीईओ ने गलती स्वीकार करते हुए कहा कि वह अमेरिकी कांग्रेस के सामने मामले से जुड़े सवालों का जवाब देने के लिए तैयार हैं। जुकरबर्ग ने कहा कि भारत जैसे देशों में आगामी चुनावों की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए फेसबुक अपनी सुरक्षा सुविधाओं में इजाफा कर रहा है।

उन्होंने कहा कि, ‘हमारा ध्यान केवल अमेरिकी चुनाव तक नहीं है बल्कि भारत, ब्राजील में होने वाले चुनाव और इस साल होने वाले अन्य चुनाव पर भी है, जो कि बहुत ही महत्वपूर्ण हैं।’ उन्होंने कहा कि रूस जैसे देशों का चुनाव में हस्तक्षेप को कठिन बनाने के लिए फेसबुक को बहुत काम करने की आवश्यकता है ताकि लोग फर्जी खबरें नहीं फैला सकें।

 

 

 

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