पूर्व भारतीय क्रिकेटर वसीम जाफर के समर्थन में ट्विटर पर जनसैलाब, सांप्रदायिकता के आरोप को लोगों ने बताया शर्मनाक; सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली की चुप्पी पर उठे सवाल

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उत्तराखंड क्रिकेट संघ से मतभेदों के कारण कोच के पद से इस्तीफा देने वाले भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज वसीम जाफर ने बुधवार को प्रदेश संघ के इन आरोपों को खारिज किया कि उन्होंने टीम में मजहब के आधार पर चयन की कोशिश की। पूर्व भारतीय क्रिकेटर के बयान के बाद उनके समर्थन में सोशल मीडिया पर लोगों को जनसैलाब उमड़ आया है, लोग ट्विटर पर वसीम जाफर के समर्थन में लगातार ट्वीट कर रहे हैं। गुरुवार सुबह से ही ट्विटर पर #WasimJaffer भी ट्रेड कर रहा है, यूजर्स लगातार इस हैशटैग के साथ ट्वीट कर रहे हैं। तमाम लोग उनके उपर लगे सांप्रदायिकता के आरोप को शर्मनाक बता रहे हैं। इसके साथ यूजर्स इस मामले में टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज सलामी बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली समेत अन्य भारतीय क्रिकेटरों की चुप्पी पर भी सवाल उठा रहे हैं।

वसीम जाफर

टीम इंडिया के पूर्व खिलाड़ी वसीम जाफर ने मंगलवार को चयन में दखल और चयनकर्ताओं तथा संघ के सचिव के पक्षपातपूर्ण रवैए को लेकर उत्तराखंड क्रिकेट टीम के कोच पद से इस्तीफा दे दिया था। वसीम जाफर पर मजहब के आधार पर टीम में खिलाड़ियों को रखने का आरोप लगाया गया था जिसपर वसीम जाफर ने प्रतिक्रिया भी दी थी।

वसीम जाफर ने ट्वीट कर इस पूरे मामले पर सफाई देते हुए कहा था, “मैंने जय बिस्ट की कप्तानी की सिफारिश की थी। इकबाल की नहीं लेकिन सीएयू के अधिकारियों ने इकबाल का समर्थन किया।”

वसीम जाफर ने अपने ट्वीट में आगे लिखा, “मैंने मौलवियों को आमंत्रित नहीं किया था। मैंने गैर-योग्य खिलाड़ियों के चयन के चलते इस्तीफा दिया है। हमारी टीम में कुछ खिलाड़ी सिख समुदाय से हैं और वह ‘रानी माता साचे दरबार की जय’ कहते थे। मैंने बस इसपर सुझाव दिया था कि हमें ‘गो उत्तराखंड’ या ‘कम ऑन उत्तराखंड’ कहना चाहिए।”

 

सोशल मीडिया पर यूजर्स कर रहे हैं कि, एक पूर्व भारतीय क्रिकेटर को इस तरह के घिसे-पिटे आरोपों पर खुद का बचाव करना पड़ रहा हैं। वही, कुछ अन्य यूजर्स कह रहे है कि क्या इस मामले पर सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली अपना बयान देंगे। कुछ लोग कह रहे है कि, दुख की बात है कि एक पूर्व क्रिकेटर पर इस तरह के गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं।

देखें कुछ ऐसे ही ट्वीट:

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