जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे के संबंध में कुछ संभावित बड़े फैसले को लेकर घाटी में बढ़ती अटकलों के बीच राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला प्रतिनिधिमंडल के साथ शनिवार को राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मिलने पहुंचे। उमर अब्दुल्ला ने कहा राज्यपाल ने उनकी पार्टी को आश्वासन दिया है कि संविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए को रद्द किए जाने पर या राज्य को तीन हिस्सों में बांटने जैसी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
हालांकि, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इन मुद्दों पर केंद्र से सोमवार को संसद में आश्वासन चाहते हैं। अब्दुल्ला और उनकी पार्टी के कुछ सहयोगी इन मुद्दों को लेकर शनिवार (3 अगस्त) को राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मिले। राज्यपाल से मिलने के बाद उमर अब्दुल्ला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘उन्होंने (राज्यपाल) हमें आश्वासन दिया कि अनुच्छेद 370 या अनुच्छेद 35ए (रद्द किए जाने पर) या परिसीमन (राज्य के निर्वाचन क्षेत्रों की) पर कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है।’’
अब्दुल्ला ने कहा कि उन्होंने अपनी पार्टी के सांसदों से सोमवार को संसद में एक प्रस्ताव पेश करने को कहा है जिसमें जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ हफ्तों में बनी स्थिति पर केंद्र सरकार का बयान मांगा जाए। उन्होंने कहा, ‘‘हम राज्य की स्थिति पर सरकार की तरफ से संसद में बयान चाहते हैं।’’ अब्दुल्ला ने राज्य के लोगों से शांत रहने और अपनी भावनाओं को नियंत्रित रखने और ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाने की अपील की है जो निहित स्वार्थ वाले लोगों के मकसदों को बल दे।
बता दें कि, इससे पहले पीडीपी की नेता और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार रात राज्यपाल से मुलाकात की थी। इस दौरान महबूबा के साथ शाह फैसल समेत कई अन्य नेता भी थे। नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने कश्मीर में ‘भयपूर्ण वातावरण’ पर चिंता जताई।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में बीते एक हफ़्ते से फौज़ों की बढ़ती तैनाती को लेकर तनाव बना हुआ है। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में उस समय तनाव बढ़ा गया था जब पिछले हफ्ते ही 25 हजार सैनिक कश्मीर घाटी भेजे गए थे। उससे पिछले हफ्ते भी 10 हजार सैनिक भेजे गए थे। इससे ये अंदेशा बन रहा है कि राज्य में कुछ बड़ा होने वाला है। हालांकि, सरकार इसे बहुत तूल देने से बचने की कोशिश कर रही है। (इंपुट: भाषा के साथ)