बिहार के मुजफ्फरपुर के ‘बालिका गृह’ नाम के नारी निकेतन में मासूम बच्चियों के साथ यौन शोषण के आरोपों ने तूफान मचा दिया है। बालिका गृह में 34 बच्चियों के यौन उत्पीड़न के सनसनीखेज खुलासे के बाद घटना की चर्चा पूरे देश में हो रही है। इस रेप कांड मामले को लेकर नीतीश सरकार के खिलाफ शनिवार (4 अगस्त) को राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया। बच्चियों के साथ हुई हैवानियत के विरोध में जंतर-मंतर पर समूचा विपक्ष एकजुट दिखाई दिया।
इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, लेफ्ट के नेता डी. राजा, सीताराम येचुरी, TMC के दिनेश त्रिवेदी, शरद यादव, संजय सिंह, जीतनराम मांझी जैसे तमाम नेता शामिल हुए थे। इस जघन्य कांड में विपक्षी पार्टियां नीतीश सरकार को घेर रखा है। नीतीश कुमार पर लगातार इस्तीफा देने का दबाव बनाया जा रहा है।
इस घटना को लेकर मचे बवाल के बाद सीएम नीतीश कुमार ने सोमवार(6 अगस्त) को विपक्ष के हमलों पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस मसले पर केवल राजनीति हो रही है। सीएम ने कहा कि वह इस घटना से शर्मसार हैं और उनकी सरकार इस घटना की हाई कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच की मांग की है।
सीएम नीतीश ने दिल्ली में आरजेडी के नेतृत्व में मुजफ्फरपुर कांड पर आयोजित विपक्ष के धरने पर जमकर निशाना साधा। नीतीश ने इस मामले में नाम आने वाले मंत्री मंजू वर्मा बचाव भी किया। नीतीश ने साथ ही कहा कि इस मामले में जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
NBT की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा, ‘मेरी चुप्पी का गलत मतलब निकाला गया है। हमने हाई कोर्ट से इस मामले की जांच उनकी निगरानी में कराने की मांग की है। TISS की रिपोर्ट के बाद हमने ऐक्शन लेना शुरू कर दिया है। सरकार द्वारा प्रशासनिक कार्रवाई की जा रही है। हमने इस घटना की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दिया है।’
नीतीश कुमार ने इस मामले में मंत्री मंजू वर्मा का बचाव करते हुए कहा, ‘मंत्री ने मुझसे मिलकर सफाई दी है, मैंने जो पूछा उसका मंत्री ने जवाब दिया। किसी को बेवजह कैसे जिम्मेदार ठहराया जाए। मंत्री के स्तर पर कोई निर्णय हुआ होगा तो उसपर भी कार्रवाई करेंगे लेकिन, यह कहना कि मंत्री को हटा दें यह सही नहीं होगा। मामले की जांच सीबीआई कर ही रही है। किसी को बख्शा नहीं जाएगा।’ ख़बरों के मुताबिक बीजेपी नेता सीपी ठाकुर और गोपाल नारायण सिंह ने जांच होने तक मंत्री मंजू वर्मा को हटाने की मांग की थी।
रिपोर्ट के मुताबिक, सीएम नीतीश ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के साथ अपनी और डेप्युटी सीएम सुशील कुमार मोदी तथा आरजेडी चीफ लालू यादव की तस्वीर पर भी सफाई दी। उन्होंने कहा, ‘वह (ब्रजेश) पत्रकार भी था। किसी भी व्यक्ति की तस्वीर किसी के साथ हो सकती है, इस पर बवाल किया जा रहा है। जितने लोग अब बोल रहे हैं कि उन्हें घटना की जानकारी थी तो पहले क्यों नहीं बताया।’
बता दें कि इससे पहले एक कार्यक्रम में नीतीश ने कहा था, “हम किसी को बख्शने वाले नहीं है। आज तक नहीं किया है कोई समझौता। बाकी हम ही को गाली देना है तो दीजिए। कैसे कैसे लोगों से गाली दिलवा रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा, ‘जरा पॉजिटिव फीड पर भी आप लोग कृपा करके देख लें। एकाध निगेटिव चीज हो गया उसी को लेकर चल रहे हैं। जो गड़बड़ करेगा वो अंदर जाएगा। उसको बचाने वाला भी नहीं बचेगा, वो भी अंदर जाएगा।’
बता दें कि इससे विपक्षी दलों द्वारा नीतीश की चुप्पी पर बार-बार सवाल उठाए जाने के बाद शुक्रवार (3 अगस्त) को बिहार के मुख्यमंत्री का बयान सामने आया था। नीतीश ने कहा, ‘मुजफ्फरपुर में ऐसी घटना घट गई कि हम शर्मसार हो गए। सीबीआई जांच कर रही है। हाई कोर्ट इसकी मॉनिटरिंग करे।’ बिहार सीएम ने आश्वस्त किया है कि इस मामले में किसी के साथ कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा उसे कड़ी सजा मिलेगी।
बता दें कि मुजफ्फरपुर बालिका कांड में 44 बच्चियों में से 34 बच्चियों के साथ रेप की पुष्टि हो गई है। मुजफ्फरपुर बालिका गृह रेप कांड का मामला बिहार विधानसभा से लेकर देश की संसद तक में उठाया गया है।