PM मोदी के वादों को जुमला करार देते हुए नीतीश कुमार ने कहा- ‘जो कहो उसको करो और जो नहीं कर सकते हो, कहो मत’

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए वादे को पूरा नहीं किए जाने और बाद में उनकी पार्टी के उसे ‘जुमला’ करार दिए जाने का आरोप लगाते हुए रविवार को कहा, ‘हम विश्वास करते हैं जो कहो उसको करो और जो नहीं कर सकते हो, कहो मत।’

सात निश्चय के अंतर्गत ‘आर्थिक हल, युवाओं को बल’ के तहत बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना जिसके तहत युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए चार लाख रुपये का लोन दिया जाएगा, मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना तथा कुशल युवा कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए नीतीश ने कहा, ‘हम विश्वास करते हैं जो कहो उसको करो और जो नहीं कर सकते हो, कहो मत।

आज सार्वजनिक जीवन में जो देश में अविश्वास का वातावारण हुआ है उसका एक बड़ा कारण यह है कि चुनाव के अवसर पर तरह-तरह के वायदे कर देते हैं और चुनाव के बाद उसे ‘जुमला’ घोषित कर देते हैं. हमलोग ‘जुमला’ का प्रयोग नहीं करते हैं. जो कहेंगे उसे करेंगे और करके दिखाया है और दिखा देंगे।’

कृषि रोड मैप, मिशन मानव विकास, बुनियादी ढांचे का विकास आदि का जिक्र करते हुए नीतीश ने सात निश्चय में शामिल हर घर को बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए नीतीश ने कहा कि चुनाव के समय आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी जब आए थे सबसे पूछते थे कि बिजली आयी पर चुनाव के बाद जब वे पहली बार आए तो प्रशंसा करके गए कि बिजली की आपूर्ति के क्षेत्र में बिहार ने बहुत अच्छा काम किया है।

भाषा की खबर के अनुसार, नीतीश ने कहा ‘चुनाव में तो आदमी कुछ न कुछ बोलते हैं पर हम नहीं बोलते. हमारे ऊपर बहुत कुछ बोला गया, तरह तरह की बात बोली गयी थी पर हम बोलने की जरूरत नहीं महसूस करते. जो काम करो, जो कर सकते हो वही कहो और जो कह दिया उसे लागू किया. यह मेरा संकल्प है.’ उन्होंने कहा कि सात निश्चय के अंतर्गत ‘आर्थिक हल, युवाओं को बल’ के पांच घटक में से तीन अवयवों पर आज काम शुरू हो गया है. नीतीश ने कहा कि बिहार की सबसे बड़ी पूंजी मानव शक्ति है और युवा हमारी सबसे बड़ी ताकत हैं।

युवाओं को शिक्षित और हुनरमंद बनाकर उनके मनोबल को ऊंचा करेंगे तो बिहार को आगे बढ़ने से दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती. मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने सात निश्चय की बात की थी जिसे चुनाव के बाद पुन: सत्ता संभालते हुए प्राथमिकता के आधार पर मिशन मोड में आरंभ किया. उन्होंने कहा कि नवंबर के प्रथम सप्ताह तक सभी निश्चयों पर क्रियान्वयन शुरू हो जाएगा. सरकार का एक निश्चय ‘आरक्षित रोजगार, महिलाओं का अधिकार’ को पांच महीने पूर्व ही लागू किया जा चुका है. दो निश्चय ‘हर घर में नल का जल’ तथा ‘शौचालय निर्माण, घर का सम्मान’ की शुरुआत गत 27 सितंबर को की जा चुकी है।

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