NDTV के समर्थन में लगा पत्रकारों का जमावड़ा, फली एस नरीमन ने की ‘जनता का रिपोर्टर’ की खबर की पुष्टि

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बैंक से धोखाधड़ी के आरोप में सोमवार(5 जून) को वरिष्ठ पत्रकार और न्यूज चैनल NDTV के सह-संस्थापक और कार्यकारी सह-अध्यक्ष प्रणय रॉय के आवास और कार्यालयों पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने छापेमारी की थी। आज प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में NDTV के समर्थन में पत्रकारों का जमावाड़ा लगा। प्रेस की आजादी को खतरें में बताते हुए पत्रकारों ने इसे बोलने की आजादी पर हमला बताया।

भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल और जाने-माने कानूनविद फली एस नरीमन ने इस कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि कहा कि प्रणय राॅय पर CBI के इस हमले के पीछे इस बात को भी देखना चाहिए कि छापे से पूर्व बीजेवी प्रवक्ता संबित पात्रा को शो से बाहर किए जाने के बाद इस तरह की कार्रवाई होती है।

जबकि आपको बता दे कि इस मामले पर अपनी सबसे पहली रिपोर्ट में ही ‘जनता का रिपोर्टर’ ने इस बात के संकेत दिए थे कि संबित पात्रा वाला मामला इस कारवाई से जुड़ा हो सकता है। इस कार्यक्रम में देश के दिग्गज मीडिया घरानों के अलावा वरिष्ठ पत्रकारों ने प्रणय राॅय और NDTV के समर्थन में अपना पक्ष रखा।

वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैय्यर ने सभी के साथ अपनी बात रखी जबकि पत्रकार अरूण शौरी ने एक शेर के साथ अपनी बात शुरू की और कहा कि मोदी सब सुन रहा है का उदाहरण देते हुए बोलने की आजादी पर अपना पूरा वक्तव्य रखा। अरूण शौरी ने कहा कि छापे के बाद अब CBI जवाब नहीं दे पा रही है।

उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि वेंकैया नायडू का एक उदाहरण देते हुए कहा कि वह मेरे बहुत अच्छे मित्र है। मैं उनको अच्छे से जानता हूं। मेरे खुद के पेपर में उनके बड़े-बड़े आर्टिकल छप रहे है जबकि अगर उनको एक पेज लिखने के लिए दे दिया जाए तो उनसे नहीं लिखा जाएग। यह क्या है।

पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने कहा, ‘मुझे लगता है कि वर्तमान माहौल में चुप रहना कोई विकल्‍प नहीं है। यह वो क्षण है जब हमें इतिहास में सही किनारे पर खड़ा होना होगा। ओम थानवी ने इस मौके पर कहा कि मीडिया को एक होने की जरूरत है।

जबकि इस मामले पर बोलेते हुए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने आरोप लगाया था कि NDTV मामले में CBI के इस्तेमाल को देखकर ऐसा लगता है कि निजी विवाद में जांच एजेंसी का इस्तेमाल किया गया।

जबकि इससे पूर्व एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने सीबीआई द्वारा NDTV के संस्थापक प्रणय रॉय के परिसरों पर छापेमारी पर चिंता जताई थी। एडिटर्स गिल्ड ने एक बयान में कहा मीडिया कार्यालयों में पुलिस और अन्य एजेंसियों का घुसना काफी गंभीर मामला है।

प्रेसवार्ता में प्रणय राॅय ने अपनी बात रखते हुए कहा कि NDTV पर केवल छापे की ही कार्रवाई नहीं हुई बल्कि NDTV समूह पर आयकर विभाग में वेश्यावृत्ति करने की रिपोर्ट चलाने का मामला भी डाला गया। रॉय ने कहा, ‘NDTV पर छापे हम सब के लिए एक संकेत है – हम तुम्‍हें ठीक कर सकते हैं, भले ही तुमने कुछ ना किया हो।’ ‘हमारी मुहिम सीबीआई, ईडी के खिलाफ नहीं, उन नेताओं के खिलाफ है जो इन एजेंसियों का गलत इस्‍तेमाल कर रहे हैं।

राज्‍यसभा के पूर्व सदस्‍य और वरिष्‍ठ पत्रकार एचके दुआ ने कहा, ‘पिछली दफा प्रेस के ज्‍यादातर लोग खड़े नहीं हुए थे। और जैसा कि आडवाणी ने कहा था, वो रेंग रहे थे। उसके बाद अवमानना विधेयक आया। हम इकट्ठा हुए हैं, यह एक राष्‍ट्रीय आंदोलन बन जाएगा।

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