नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट (एनडीए) की ओर से उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार वेंकैया नायडू ने मंगलवार (18 जुलाई) को अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष अमित शाह, पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। बता दें कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता वेंकैया नायडू को एनडीए के तरफ से उप राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया गया है। बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक में सोमवार(17 जुलाई) को नायडू के नाम का फैसला किया गया। उम्मीदवार घोषित होते ही नायडू को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लड्डू खिलाकर बधाई दी। बता दें कि वर्ष 2002 से 2004 तक उन्होने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का दायित्व निभाया था।
बता दें कि नायडू का 25 साल लंबा संसदीय अनुभव उनके पक्ष में गया। दरअसल, राज्यसभा के चार बार सांसद व संसदीय कार्य मंत्री रहे वेंकैया नायडू को संसदीय अनुभव व सदन चलाने की बारीकियां पता हैं। चूंकि राज्यसभा में राजग का बहुमत नहीं है और अक्सर विपक्ष सरकार के लिए सदन चलाने से लेकर सरकारी कामकाज में बाधा डालता है ऐसे में उप राष्ट्रपति के पदेन राज्यसभा सभापति होने से सरकार को सदन चलाने में आसानी होगी।
सूत्रों के अनुसार बैठक में वेंकैया नायडू के अलावा मणिपुर की राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला, महाराष्ट्र के राज्यपाल सी एच विद्यासागर राव व कर्नाटक के नेता शंकर मूर्ति के नाम पर भी चर्चा हुई। चूंकि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुबह नायडू का नाम तय कर लिया था। इसलिए नायडू पर फैसला किया गया।
1949 में 1 जुलाई को वैंकेया का जन्म आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले के चावटपलेम के एक कम्मा परिवार में हुआ था। उन्होंने वीआर हाई स्कूल नेल्लोर से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और वीआर कॉलेज से राजनीति तथा राजनयिक अध्ययन में स्नातक किया। इसके बाद उन्होंने आन्ध्र विश्वविद्यालय, विशाखापत्तनम से लॉ की डिग्री हासिल की। 1971 में एम उषा ने उनका विवाह हुआ। वे एक बेटा और एक बेटी के पिता हैं।