लगातार हो रहे म्यांमार में रोहिंग्या मुस्लमानों के पलायन पर अंतराष्ट्रीय चिंता के बीच संयुक्त राष्ट्र ने म्यांमार सरकार को चेतावनी जारी की है। संयुक्त राष्ट्र के विशेष सलाहकार अदमा डींग ने नरसंहार पर रोकथाम के लिए एक बयान जारी कर कहा कि आरोपों की तत्काल जांच की जानी चाहिए और सरकार को प्रभावित इलाके का मुआयना करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
मीडिया रिर्पोट्स के अनुसार, डींग ने कहा कि अगर रोहिंग्या के आरोप सही है, हजारों लोगों को जान का खतरा है। म्यांमार सरकार की छवि, वहां की नई सरकार तथा सैन्य बलों की छवि भी दाव पर है। उन्होंने कहा कि म्यांमार को कानून का शासन तथा देश के सभी लोगों के मानवाधिकारों का रक्षा की प्रतिबद्धता पर कायम रहने की जरूरत है।
बीबीसी की खबर के अनुसार, पिछले दो सप्ताह में म्यांमार की सेना ने रोहिंग्या मुसलमानों के हजारों घरों को नष्ट कर दिया है। दर्जनों बस्तियां वीरान हो चुकी हैं। हज़ारों रोहिंग्या मुस्लिम पनाह की तलाश में बांग्लादेश की ओर भाग रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी ने कहा है कि बर्मा रोहिंग्या मुसलमानों का बड़े पैमाने पर सफ़ाया कर रहा है। लेकिन रोहिंग्या मुसलमानों पर हो रहे इस भयानक अत्याचार पर पूरी दुनिया चुप है।
वहां के निवासियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि रखाइन प्रांत में सैन्य कार्रावाई के दौरान रोभहग्या महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया। उनके घरों को आग के हवाले कर दिया गया और लोगों की हत्या की। हालांकि म्यांमार की सेना तथा सरकार ने इन आरोपों को खारिज किया है।