मध्य प्रदेश सरकार ने सरकारी डिग्री कॉलेजों में छात्रों को मुफ्त में स्मार्टफोन बांटे, लेकिन जो फोन बांटे गये, वे कथित रूप से बहुत ही घटिया थे, जिसके कारण प्रदेश सरकार ने इन स्मार्टफोनों के आवंटन पर रोक लगा दी है। एमपीएसईडीसी के मुख्य महाप्रबंधक तिलक राज कपूर ने बताया कि एक निजी कंपनी को 3.75 लाख मोबाइल का ठेका दिया गया था।
उन्होंने बताया कि इनमें से 1,30,000 मोबाइल हैंडसेट मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों के सरकारी कॉलेजों के छात्रों को बांट दिये गये हैं। लेकिन, घटिया क्वालिटी के स्मार्टफोन बांटने की खबरें मिलने के बाद हमने अब इन मोबाइलों को बांटना बंद कर दिया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यालय से भी इन स्मार्टफोनों की क्वालिटी के बारे में पत्र आया था, जिसका प्रतिवेदन तैयार कर उन्हें भेज दिया गया है। स्मार्टफोन खरीदने के लिए मध्य प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कारपोरेशन (एमपीएसईडीसी) ने मई 2016 में टेंडर निकाला था, जो एमपी सरकार का एक सरकारी उपक्रम है और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत आता है, जबकि इनका वितरण मध्य प्रदेश सरकार का उच्च शिक्षा विभाग इस साल जनवरी से छात्रों को इन फोनों का आवंटन कर रहा था।
गैर राजनीतिक संगठन विचार मध्य प्रदेश ने मध्यप्रेदश सरकार पर सरकारी डिग्री कॉलेजों में प्रवेश लेने वाले छात्रों को बहुत ही घटिया क्वालिटी के फोरस्टार अमोस्टा 3जी 5 मॉडल के स्मार्टफोन देकर कथित रूप से करोड़ों रुपये का घोटाला करने और छात्रों के साथ छलावा करने का आरोप लगाया है।
संगठन ने राज्य सरकार से मांग की है कि इसके टेंडर में हुए घोटाले एवं मोबाइल फोन बांटने में हुई धांधली की उच्च स्तरीय समिति द्वारा निष्पक्ष जांच कराई जाए।