केरल में तेज बारिश और बाढ़ की वजह से लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, मूसलाधार बारिश और बाढ़ ने भयंकर तबाही मचा रखी है। कई क्षेत्रों में बाढ़ का पानी भर जाने से स्थिति और गंभीर हो गई है। वहां हालात बेहद खराब हो गए हैं। भारी बारिश और बाढ़ के चलते अब तक 370 लोगों की मौत हो चुकी है। पूरे राज्य से बाढ़ की खौफनाक तस्वीरें सामने आ रही हैं। एनडीआरएफ के अलावा, सेना की तीनों फोर्सेज राहत-बचाव कार्यों में लगी हुई हैं।
इस मुश्किल समय में भारत के सभी राज्यों सहित दुनिया भर के लोग केरल के लोगों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं।इसी बीच, वहां के हालात ने धर्म और जाति के अंतर को दूर कर दिया है जिसका उदाहरण यहां की एक मस्जिद है जिसने हिंदुओं समेत सभी धर्म के लोगों के लिए अपने दरवाजे खोल दिये हैं।
समाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, बाढ़ की संकट वाली स्थिति के बीच सबसे बुरी तरह से प्रभावित जिलों में शामिल उत्तरी मलप्पुरम की एक मस्जिद ने 17 विस्थापित हिंदू परिवारों को शरण दी है जिसमें महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग शामिल हैं। चलियार गांव के अकमपाडम में स्थित जुमा मस्जिद आठ अगस्त को उत्तरी जिलों में बाढ़ आने के बाद से राहत शिविर में तब्दील हो गयी है।
धर्म और जाति से परे मस्जिद में सोने के लिए विस्थापित लोगों को आश्रय दिया जा रहा है। उन्हें कैंटीन में तैयार खाना मिलता है और घर वापसी के समय दाल, चावल और अन्य खाद्य सामग्री भी दी जा रही है। चलियार गांव पंचायत के प्रमुख पी टी उस्मान ने कहा कि जुमा मस्जिद में जिन 78 लोगों ने शरण ली, उनमें से अधिकतर हिंदू हैं।
उन्होंने कहा, ‘मस्जिद में शरण लेने वाले 26 परिवारों में से अधिकतर हिंदू हैं। हमने आठ अगस्त को मस्जिद में राहत शिविर खोला था, लेकिन 14 अगस्त के बाद ही यहां गतिविधियां पूरी तरह शुरू हो सकीं।’ बता दें कि ऐसी मुश्किल घड़ी में केरल की तरफ देश के आम से लेकर खास लोगों ने मदद का हाथ बढ़ाया है।