राष्ट्रपति पद के चुनाव के साथ ही आज(17 जुलाई) से संसद के मानसून सत्र का आगाज हो गया है। मॉनसून सत्र के दौरान गोरक्षकों से जुड़े घटनाक्रम, किसानों के प्रदर्शन, कश्मीर में तनाव, कुछ विपक्षी नेताओं के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार को लेकर केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई, सिक्किम सेक्टर में चीन के साथ जारी गतिरोध जैसे मुद्दे उठेंगे। इन मुद्दों को लेकर विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश करेगा।इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उम्मीद जताई कि गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) के सफल लॉन्च के बाद संसद का मॉनसून सत्र नई उमंग से भरा हुआ होगा। सोमवार को सत्र की शुरुआत और राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग शुरू होने से पहले पत्रकारों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने जीएसटी की नई परिभाषा ‘गोइंग स्ट्रॉन्गर टुगेदर’ बताया।
मीडिया को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि क्विट इंडिया मूवमेंट के 75 साल हो रहे हैं। इस समय लोगों के प्रतिनिधियों को राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनने का मौका मिला है। उन्होंने कहा कि मॉनसून सत्र के आरंभ से पहले जीएसटी लागू हुआ है। इससे नई उमंग है। उन्होंने उम्मीद जताई की सभी राजनीतिक दल और सांसद राष्ट्रहित को ध्यान में रखते हुए चर्चा करेंगे और अहम फैसले लेंगे।
सत्र से एक दिन पहले रविवार को कांग्रेस ने कहा कि वह सरकार से चीन के साथ जारी सीमा विवाद, कश्मीर में तनावपूर्ण स्थिति और गाय रक्षा के नाम पर भीड़ द्वारा हिंसा के मुद्दों पर जवाब मांगेगी। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सिक्किम में चीन के साथ सीमा को लेकर स्थिति बेहद तनावपूर्ण है। उन्होंने साथ ही सीमा विवाद के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया।
आजाद ने संसद की लाइब्रेरी बिल्डिंग में सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘यह स्थिति चीन द्वारा पैदा की गई है। यह देश की सुरक्षा का मामला है और हम इसे संसद में उठाएंगे।’ आजाद ने कहा, ‘सरकार ने बातचीत के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। यहां तक कि कोई झरोखा भी नहीं खुला है। कश्मीर में राजनीतिक घुटन का माहौल है।’ साथ ही उन्होंने कहा, हम भीड़ द्वारा हिंसा, किसानों की आत्महत्या के मद्देनजर कृषि संकट के मुद्दे उठाएंगे।