नरेंद्र मोदी सरकार में राज्यमंत्री बनाई गईं उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से सांसद अनुप्रिया पटेल अपने दो कथित ट्वीट्स को लेकर विवादों के घेरे में हैं। अपना दल की नेता अनुप्रिया पर आरोप है कि उन्होंने अपने अकाउंट से 13 जून 2016 को #UPWillChange हैशटैग के साथ दो सांप्रदायिक ट्वीट किए थे।
बताया जा रहा है कि दोनों ट्वीट डिलीट कर दिए गए हैं। अनुप्रिया के मंत्री बनने के बाद सोशल मीडिया पर उनके कथित ट्वीट्स वायरल हो गए हैं। अनुप्रिया ने कथित तौर पर ट्वीट में लिखा था, ”अखलाक पर करोड़ों न्योछावर लेकिन कैराना के हिंदुओं के लिए दो बोल तक नहीं!! वाह रे नमाजवादी सरकार।”
समाचार एजेंसी आईएएनएस के हवाले से जनसत्ता ने ये खबर दी कि उसी दिन अपना दल के संस्थापक सोनेलाल पटेल के जन्मदिन पर ‘हुंकार रैली’ आयोजित की गई थी।
कथित तौर पर अनुप्रिया ने दूसरे ट्वीट में लिखा, ”हमें बर्बाद कर दिए अपने ही गद्दारों ने वर्ना कभी सुनी नहीं थी 100 करोड़ डर जाएं 20 करोड़ मुल्लों से।” दोनों ट्वीट डिलीट कर दिए गए थे मगर मंगलवार को मंत्री पद की शपथ लेने के बाद अनुप्रिया के ये कथित ट्वीट Twitter पर शेयर होने लगे।
आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण ने ट्ववीट किया है, ”अनुप्रिया पटेल ने अब भाजपा का सांप्रदायिक कार्ड खेलने वाले ट्वीट डिलीट कर दिए हैं, यह दिखाता है कि उन्हें यूपी चुनाव से पहले मंत्री क्यों बनाया गया है।” वहीं योगेंद्र यादव ने ट्वीट किया, ”अगर ये सही हैं तो अनुप्रिया पटेल को भारत के कैबिनेट में रहने का कोई हक नहीं है। नफरत वाले भाषण और क्या होते हैं?”
Anupriya Patel's now deleted tweet playing BJP's communal card in UP, shows why she is inducted ahead of UP polls https://t.co/AAqrqQZHeA
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) July 6, 2016
If it's genuine, then @anupriya_patel has no business to be in the cabinet of India.
What else is hate speech? https://t.co/qhEkVfAmw8— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) July 5, 2016