प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों हिंदी समाचार चैनल जी न्यूज़ को एक इंटरव्यू दिया था। इस इंटरव्यू में पीएम मोदी ने राजनीति, अर्थव्यवस्था, अंतराष्ट्रीय मसले, जीएसटी, नोटबंदी और रोजगार जैसे कई मुद्दों पर बात की थी। लेकिन इस इंटरव्यू में रोजगार के मुद्दे पर पीएम मोदी ने ऐसा उदाहरण दिया था कि सोशल मीडिया पर पर प्रधानमंत्री सहित कई बीजेपी नेताओं को आज भी ट्रोल किया जा रहा है।
इस बीच पकौड़े वाले बयान पर वाराणसी दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए कई बार भोजन बना चुके राजीव बटवाल ने भी बड़ी टिप्पिणी की है। ‘पकौड़ा’ बनाने को रोजगार से जोड़ने वाला पीएम मोदी का बयान रसोईयों बटवाल को पसंद नहीं आया है। आपको दें कि पीएम मोदी ने इंटरव्यू में कहा था कि पकौड़ा बेचना भी एक तरह का रोजगार है। पीएम के इस बयान पर काफी विवाद हुआ था।
अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक बटवाल ने कहा है, ‘उनसे (मोदी) बहुत प्रेरणा मिलती है लेकिन पकौड़ों पर दिया उनका बयान मुझे अच्छा नहीं लगा। जो लोग एमबीए या इंजीनियरिंग पूरी कर चुके हैं वे पकौड़े बेचने के बारे में नहीं सोच सकते। इससे ऐसे युवाओं की मेहनत कमतर हो जाती है जो पढ़ते हैं या कड़ी मेहनत करते हैं और उनके सपने टूट जाते हैं।’
अखबार के मुताबिक शनिवार को वाराणसी के दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी यहां की डीजल लोकोमोटिव वर्कशॉप (DLW) गेस्टहाउस में ठहरेंगे। साल 2014 से लेकर अब तक जितनी बार भी पीएम मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के रेलवे गेस्टहाउस में रुके हैं, उनके लिए राजीव बटवाल ने ही खाना बनाया है। 30 वर्षीय बटवाल पीएम मोदी के लिए केवल चाय, दाल और चपाती बनाते हैं, उन्हें इस बात का बेहद गर्व है कि पीएम मोदी ने उनके हाथ की बनी नेनुआ की सब्जी खाने की गुजारिश 3 बार की है।
दरअसल, समाचार चैनल जी न्यूज को दिए इंटरव्यू में जब पीएम मोदी से अपर्याप्त नौकरी सृजन के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि अगर कोई पकौड़ा बेचकर प्रतिदिन 200 रुपये कमाता है तो उसे भी नौकरी के तौर पर माना जाना चाहिए। रोजगार के सवाल पर पीएम मोदी ने कहा था कि अगर जी टीवी के बाहर कोई व्यक्ति पकौड़ा बेच रहा है तो क्या वह रोजगार होगा या नहीं?