‘मी टू’ अभियान के तहत यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने आखिरकार रविवार (14 अक्टूबर) को पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी है। केंद्रीय मंत्री ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को गलत और बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा है कि आरोप लगाने वालों पर कानूनी कार्रवाई करूंगा। आपको बता दें कि MeToo के तहत करीब 9 महिला पत्रकारों ने एमजे अकबर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। इन महिला पत्रकारों में एक विदेश महिला पत्रकार भी शामिल हैं।
विदेश से लौटने के बाद अकबर ने खुद पर लगे यौन उत्पीड़न और अनुचित व्यवहार के आरोपों पर पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर ने रविवार (14 अक्टूबर) को उनके खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने उन पर इस तरह के आरोप लगाने वाली महिलाओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अफ्रीका की यात्रा से लौटने के कुछ ही घंटों बाद विदेश राज्य मंत्री ने एक बयान जारी किया और इन आरोपों को बेबुनियाद बताया। उन्होंने बयान में कहा,‘‘मेरे खिलाफ लगाए गए दुर्व्यवहार के आरोप झूठे और मनगढंत है। इन झूठे और बेबुनियाद आरोपों से मेरी छवि को अपूर्णीय क्षति पहुंची है।’’ अकबर ने कहा कि उनके वकील इन मनगढंत और बेबुनियाद आरोपों पर गौर करेंगे। उन्होंने सवाल किया कि आम चुनावों से कुछ महीने पहले यह तूफान क्यों उठा है?
विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि आखिर यह तूफान आम चुनाव के कुछ महीने पहले ही क्यों उठा? क्या ये कोई एजेंडा है? इन झूठे और आधारहीन आरोपों ने मेरी प्रतिष्ठा और सद्भावना को अपूर्णीय क्षति पहुंचाई है। उन्होंने कहा कि मैं अपने ऊपर लगाए गए यौन शोषण के आरोपों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करूंगा। मेरे खिलाफ लगाए गए दुर्व्यवहार के आरोप झूठे और मनगढ़ंत हैं। ये सभी आरोप द्वेष भावना से लगाए गए हैं।
Lies do not have legs, but they do contain poison, which can be whipped into a frenzy. This is deeply distressing. I will be taking appropriate legal action: #MJAkbar
— ANI (@ANI) October 14, 2018
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह आधिकारिक दौरे पर विदेश में होने की वजह से आरोपों पर पहले जवाब नहीं दे पाया। पूर्व संपादक से केंद्रीय मंत्री बने एम. जे. अकबर ने कहा, ‘कुछ तबको में बिना किसी सबूत के आरोप लगाने की बीमारी हो गई है। अब मैं लौट आया हूं और आगे क्या कानूनी कार्रवाई की जाए, इसके लिए मेरे वकील इन निराधार आरोपों को देखेंगे।’
उन्होंने आगे कहा, ‘आम चुनाव से कुछ महीने पहले ही यह तूफान क्यों उठा? क्या इसमें कोई अजेंडा है? आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं। ये झूठे, निराधार और क्रूर आरोप हैं, जिससे मेरी प्रतिष्ठा को अपूर्णीय क्षति हुई है।’ उन्होंने कहा, ‘झूठ के पैर नहीं होते, लेकिन वे जहर बुझे होते हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘प्रिया रमानी ने इस कैंपेन को साल भर पहले एक मैगजीन में आर्टिकल लिखकर शुरू किया। उन्होंने मेरा नाम तक नहीं लिया क्योंकि वह जानती हैं कि यह एक झूठी कहानी है। जब उनसे हाल में पूछा गया तो उन्होंने मेरा नाम क्यों नहीं लिया। उन्होंने एक ट्वीट के जवाब में लिखा- उनका नाम कभी नहीं लिया क्योंकि उन्होंने कुछ भी नहीं किया था।’
Priya Ramani began this campaign a year ago with a magazine article. She did not however name me as she knew it was an incorrect story. When asked recently why she had not named me, she replied, in a Tweet: “Never named him because he didn't 'do' anything.": #MJAkbar (file pic)
— ANI (@ANI) October 14, 2018
अकबर ने आगे कहा, ‘शुतापा पॉल कहती हैं- उस आदमी ने मुझ पर कभी भी हाथ नहीं रखा। शुमा राहा कहती हैं- मैं स्पष्ट करना चाहती हूं कि वास्तव में उन्होंने कुछ नहीं किया था। एक और महिला अंजु भारती इस हद तक पहुंच गईं कि दावा किया कि मैं एक स्विमिंग पूल में पार्टी कर रहा था। मैं तैरना जानता भी नहीं।’
Shutapa Paul states, “The man never laid a hand on me.”Shuma Raha says, “I must clarify, however, that he didn’t actually ‘do’ anything”.One woman, Anju Bharti, went to the absurd extent of claiming I was partying in a swimming pool. I do not know how to swim: #MJAkbar (file pic) pic.twitter.com/Cl0etymt6P
— ANI (@ANI) October 14, 2018
गौरतलब है कि देश भर में चल रहे ‘मी टू’ अभियान के तहत हर रोज चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। आग की तरह फैल रही ‘मीटू’ मुहिम की लपटें एमजे अकबर तक पहुंच गई है। इससे पहले यौन शोषण के आरोपों का सामना कर रहे अकबर रविवार (14 अक्टूबर) सुबह नाइजीरिया के दौरे से स्वदेश लौट आए और कहा कि वह आरोपों के बारे में बाद में बयान जारी करेंगे।
‘एशियन ऐज’ के पूर्व संपादक अकबर के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से बाहर निकलते ही पत्रकारों और टेलीविजन कैमरों ने उन्हें घेर लिया। उन्होंने ‘हैश टैग मी टू अभियान’ के तहत कम से कम नौ महिला पत्रकारों द्वारा लगाए गए यौन शोषण के आरोपों के बारे में उनसे सवाल किए। जिस पर केंद्रीय मंत्री ने बस इतना ही कहा, “बाद में बयान जारी किया जाएगा।”
अकबर का पद पर बने रहना मुश्किल
हालांकि न्यूज एजेंसी वार्ता के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और अाधिकारिक सूत्रों के अनुसार अकबर का मंत्री पद पर बने रहना मुश्किल लग रहा है, क्योंकि ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना शुरू करने वाली केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की महिला मंत्री भी पार्टी स्तर पर इस्तीफे को देकर दबाव बना रही हैं। सूत्रों ने कहा,“सबसे अच्छा तो यही होता कि एम जे अकबर स्वयं ही इस्तीफा दे देते।”
मीडिया में आई रिपोर्टों के अनुसार बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी अकबर के खिलाफ लगे यौन आरोपों की जांच करवाने के पक्ष में हैं। अकबर पर 1990 के दशक में कई महिला पत्रकारों का यौन शोषण करने का आरोप है। उस समय वह एशियन एेज के संपादक थे। टेलीविजन चैनल सीएनएन की एक महिला पत्रकार ने हाल में ट्विटर पर जारी अपनी पोस्ट में श्री अकबर पर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए विस्तारपूर्वक अपनी ‘व्यथा’ का बखान किया है। उस समय पत्रकार मात्र 18 साल की थी।
कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी समेत विपक्षी दलों ने यौन शोषण के आरोपों के मद्देनजर श्री अकबर के इस्तीफे देने की मांग की है। अकबर पर एेसे समय में आरोप लगे हैं जब मध्य प्रदेश में विधानसभा में चुनाव होने वाले हैं और वह मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद हैं। एेसे में उनका बचाव करना पार्टी के लिए कठिन हो रहा है। पार्टी ने फिलहाल इस संबंध में चुप्पी साध रखी है।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने ‘हैश टैग मी टू अभियान’ के तहत लगे आरोपों को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच के लिए कमेटी गठित करने की बात कही है। मेनका ने कहा कि मी टू अभियान के तहत सामने आए मामलों की पड़ताल के लिए उनका मंत्रालय जल्द ही एक कमेटी गठित करेगा। इसमें वरिष्ठ न्यायिक और कानूनी अधिकारी सदस्य होंगे।