इंग्लैंड के खिलाफ टी20 विश्व कप सेमीफाइनल से बाहर करने पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए भारतीय महिला क्रिकेट टीम की सबसे वरिष्ठ खिलाड़ी और वनडे की कप्तान मिताली राज ने प्रशासकों की समिति की सदस्य डायना एडुल्जी और कोच रमेश पोवार पर अपना गुस्सा निकालते हुए आरोप लगाया है कि सत्ता यानी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) में मौजूद कुछ लोग उन्हें बर्बाद करने की कोशिश कर रहे हैं।
मिताली ने आरोप लगाया कि उन्हें बाहर करने का समर्थन करने वाली एडुल्जी ने उनके खिलाफ अपने पद का फायदा उठाया। आपको बता दें कि मिताली को विश्व टी20 में लगातार अर्धशतक के बावजूद सेमीफाइनल में मौका नहीं दिया गया जिस मैच में भारत को 8 विकेट से हार झेलनी पड़ी।
मिताली ने बीसीसीआई सीईओ राहुल जोहरी और क्रिकेट संचालन महाप्रबंधक सबा करीम को एक पत्र लिखकर अपना पक्ष रखा। पत्र में उन्होंने कहा है कि मेरे 20 साल के लंबे करियर में पहली बार मैने अपमानित महसूस किया। मुझे यह सोचने पर मजबूर होना पड़ा कि देश के लिए मेरी सेवाओं की अहमियत सत्ता में मौजूद कुछ लोगों के लिए है भी या नहीं या वे मेरा आत्मविश्वास खत्म करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, ‘मैं टी20 कप्तान हरमनप्रीत के खिलाफ कुछ नहीं कहना चाहती लेकिन मुझे बाहर रखने के कोच के फैसले पर उसके समर्थन से मुझे दुख हुआ।’ मिताली ने कहा, ‘मैं देश के लिए विश्वकप जीतना चाहती थी। मुझे दुख है कि हमने सुनहरा मौका गंवा दिया।’
आपको बता दें कि वनडे टीम की कप्तान मिताली ने पाकिस्तान और आयरलैंड के खिलाफ अर्धशतक जमाए, लेकिन उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अंतिम लीग मैच से विश्राम दिया गया। हैरानी की बात यह रही कि इसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में भी मिताली राज जैसी अनुभवी खिलाड़ी को अंतिम एकादश में नहीं रखा गया, जिसमें भारत को आठ विकेट से करारी हार झेलनी पड़ी।