उत्तर कश्मीर के बांदीपुरा जिले में सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ के दौरान लश्कर-ए-तैयबा के एक शीर्ष उग्रवादी को गुरुवार को मार गिराया। ऐसा माना जा रहा है कि मारा गया उग्रवादी 2008 मुंबई हमलों के सरगना जकिउर रहमान लखवी का भांजा है।
पुलिस ने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा का स्वयंभू डिविजनल कमांडर अबु मुसैब अगस्त 2015 से ही बांदीपुरा और गंदेरबल जिलों में सक्रिय था तथा पिछले वर्ष स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर श्रीनगर में सीआरपीएफ की शिविर पर हुए आत्मघाती हमले सहित विभिन्न उग्रवाद-संबंधी गतिविधियों में शामिल था।
पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि उग्रवादियों की उपस्थिति के संबंध में सुबह सूचना मिलने के बाद राष्ट्रीय राइफल्स और सीआरपीएफ कर्मियों की सहायता से बल ने करीब 32 किलोमीटर दूर स्थित हाजिन के पारा मोहल्ला को घेर लिया।
प्रवक्ता ने कहा कि छुपे हुए उग्रवादियों ने संयुक्त खोज दल पर गोलियां चलानी शुरू कर दी जिससे मुठभेड़ शुरू हो गयी. मुठभेड़ में एक उग्रवादी मारा गया। बाद में उसकी पहचान पाकिस्तानी नागरिक मुसैब के रूप में हुई।
भाषा की खबर के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘सूचनाओं के अनुसार, लश्कर-ए-तैयबा के अभियान प्रमुख जकिउर रहमान लखवी का भांजा मुसैब घाटी में आतंकवादी संगठन के स्वयंभू कमांडर के रूप में काम कर रहा था।’ मुठभेड़ स्थल से एक एके-56 राइफल, तीन मैगजीन, 66 गोलियां, एक रेडियो सेट और तीन गोले बरामद हुए हैं।
पुलिस प्रवक्ता ने कहा, ‘उग्रवादी अगस्त 2015 से ही बांदीपुरा और गांदेरबल जिलों में सक्रिय था और अक्टूबर 2015 में बांदीपुरा में 14 राष्ट्रीय राइफल्स के सैनिकों से हथियार छीनने सहित विभिन्न उग्रवाद संबंधी गतिविधियों में लिप्त था।’ उन्होंने कहा, ‘वह पिछले वर्ष हाजिन में एक असैन्य नागरिक को घायल करने, 13 राष्ट्रीय राइफल्स के सैन्य गश्ती दल पर गोलियां चलाने के लिए जिम्मेदार है, जिसमें दो कर्मी मारे गए थे।
प्रवक्ता ने कहा, ‘पिछले वर्ष 15 अगस्त को श्रीनगर के नौहाटा इलाके में आत्मघाती हमला करवाने में उसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।’