दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन की पूरी जिम्मेदारी लेते हुए दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने मंगलवार (11 फरवरी) को कहा कि भविष्य में पार्टी में उनकी भूमिका पार्टी का आतंरिक मामला है।
गौरतलब है कि, पिछले साल लोकसभा चुनाव और 2017 के निकाय चुनाव में दिल्ली भाजपा का नेतृत्व कर जीत दिलाने वाले मनोज तिवारी अग्निपरीक्षा में सफल नहीं हो पाए और उनकी पार्टी को दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के हाथों करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है। यह पूछे जाने पर कि क्या वह भाजपा को मिली हार के बाद इस्तीफा देंगे, तिवारी ने कहा, “यह पार्टी का अंदरूनी मामला है। अगर ऐसा कुछ होता है तो मैं आपको इसकी सूचना दूंगा।”
विधानसभा चुनाव में जिन आठ सीटों पर भाजपा को जीत हासिल हुई है उनमें से तीन तिवारी की लोकसभा सीट उत्तर पूर्वी दिल्ली के अंतर्गत आती हैं। भाजपा ने पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली चार विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की है और दक्षिणी दिल्ली लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली एक विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की है। बता दें कि, पूर्वी दिल्ली सीट से गौतम गंभीर सांसद हैं और दक्षिणी दिल्ली से रमेश बिधूड़ी लोकसभा सदस्य हैं। दिल्ली की प्रत्येक लोकसभा सीट में दस विधानसभा क्षेत्र होते हैं।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष का कार्यकाल तीन साल का होता है और तिवारी अध्यक्ष पद पर यह अवधि पूरी कर चुके हैं और उनका कार्यकाल विस्तारित कर दिया गया था। ख़बरों के मुताबिक, पार्टी सूत्रों का कहना है कि तिवारी की जगह किसी नए चेहरे को मौका दिया जा सकता है और उन्हें केंद्र सरकार या पार्टी में कोई अन्य जिम्मेदारी दी जा सकती है।
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में 62 सीटें जीतकर हैट्रिक लगाई है। जबकि पूरी ताकत झोंकने के बावजूद भाजपा को महज 8 सीटों पर संतोष करना पड़ा। कांग्रेस एक बार फिर शून्य पर आउट हो गई। कांग्रेस के 63 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई है। (इंपुट: भाषा के साथ)