मद्रास हाई कोर्ट ने सोमवार (26 अप्रैल) को चुनाव आयोग की तीखी आलोचना करते हुए देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) की दूसरी लहर के प्रकोप के लिए उसे ”सबसे गैर जिम्मेदार संस्था” करार दिया। अदालत ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के खिलाफ हत्या के आरोपों में भी मामला दर्ज किया जा सकता है।
मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी तथा न्यायमूर्ति सेंथिलकुमार राममूर्ति की पीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। इस याचिका में अधिकारियों को कोविड-19 नियमों के अनुसार प्रभावी कदम उठाते हुए और उचित प्रबंध करके दो मई को करूर में निष्पक्ष मतगणना सुनिश्चित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
याचिकाकर्ता का कहना है कि करूर निर्वाचन क्षेत्र में हुए चुनाव में 77 उम्मीदवारों ने किस्मत आजमाई है, ऐसे में उनके एजेंट को मतगणना कक्ष में जगह देना काफी मुश्किल होगा। इससे नियमों के पालन पर असर पड़ सकता है।
निर्वाचन आयोग के वकील ने जब न्यायाधीशों को बताया कि सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं तो पीठ ने कहा उसने राजनीतिक दलों को रैलियां और सभायें करने की अनुमति देकर कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रकोप का रास्ता साफ कर दिया था। न्यायाधीशों ने मौखिक रूप से चेतावनी दी कि वे दो मई को मतगणना रोकने से भी नहीं हिचकिचाएंगे।
गौरतलब है कि, तमिलनाडु के साथ ही केरल, पुडुचेरी, असम और पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं। कुछ सीटों पर लोकसभा उपचुनाव की वोटिंग भी हुई। बंगाल में तो 8 चरणों की वोटिंग अभी भी जारी है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव का आयोजन भी किया जा रहा है। कोरोना संक्रमण के बीच हर एक दल ने जमकर चुनाव प्रचार किया है। सभी चुनावों के नतीजे 2 मई को आएंगे। (इंपुट: भाषा के साथ)