जवाहरलाल नेहरू यूनिवसिर्टी (JNU) छात्रसंघ चुनाव में एक बार फिर लेफ्ट का ही परचम लहराया है। जेएनयूएसयू के केन्द्रीय पैनल के लिए हुए चुनाव में यूनाइटेड लेफ्ट ने बाजी मारते हुए सभी चारों पदों पर विजय हासिल की। वाम प्रत्याशियों ने आरएसएस समर्थित एबीवीपी के अधिकतर उम्मीदवारों को बड़े अंतर से हराया।
हालांकि, अध्यक्ष पद के लिए कड़ी टक्कर हुई जिसमें यूनाइटेड लेफ्ट की प्रत्याशी गीता कुमारी ने एबीवीपी की निधि त्रिपाठी को 464 मतों से हराया। चुनाव अधिकारियों ने बताया कि बापसा बिरसा अंबेडकर फुले स्टूडेंट्स एसोसिएशन की शबाना अली को 935 मत मिले हैं।
उन्होंने बताया कि चुनाव में कुल 4639 मत पड़े, जिनमें से 19 मत अवैध हो गये क्योंकि मतदाताओं ने अपनी पर्ची गलत मतपत्र पर लगा दी। उपाध्यक्ष पद के लिए आइसा की सिमोन जोया खान को 1,876 वोट मिले। चुनाव में कुछ 4,620 वोट पड़े, जिनमें से एबीवीपी प्रत्याशी दुर्गेश कुमार के हिस्से में महज 1,028 वोट आये।
वाम के दुग्गीराला श्रीकृष्ण ने महासचिव पद अपने नाम किया, उन्हें 2,080 वोट मिले। संयुक्त सचिव का पद भी वाम के शुभांशु सिंह के हिस्से गया जिन्हें 1,755 मत मिले। जीत के बाद गीता कुमारी ने कहा कि इस जनादेश का श्रेय छात्रों को जाता है, क्योंकि लोगों को अब भी विश्वास है कि लोकतांत्रिक स्थानों को बचाया जाना चाहिए और इस दिशा में एकमात्र संघर्ष छात्रों की ओर से किया जा रहा है।
गीता ने नजीब मामले के साथ-साथ जेएनयू की सीटों में कटौती, नये छात्रावासों सहित विभिन्न मामलों को उठाने का वादा किया है। केन्द्रीय पैनल की चार सीटों के लिए हुए चुनाव में कुल 1512 वोट नोटा के नाम भी रहे। चुनाव अधिकारियों ने बताया कि विभिन्न पदों पर कुल 31 काउंसल चुने गए।