दिल्ली की एक आदलत ने भाजपा से निलंबित सांसद और पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद तथा दो अन्य को मानहानि के एक मामले में शुक्रवार को जमानत दे दी. यह मामला अंडर-19 क्रिकेटर के पिता ने उनके बेटे के विजय हजारे ट्रॉफी के लिए टीम में चयन होने को लेकर गलत इरादों से झूठी बयानबाजी करने के आरोप में दर्ज कराया था।
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट हरविंदर सिंह ने आजाद, पूर्व क्रिकेटर सुरिंदर खन्ना और क्रिकेट से जुड़े समीर बहादुर में से प्रत्येक को 10,000 रुपये की निजी जमानत राशि और इसी धनराशि मुचलके पर राहत प्रदान की।
अदालत ने इस बीच पूर्व क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी को निजी तौर पर पेश होने से छूट दे दी जिन्हें इस मामले में आरोपी के रूप में समन भेजा गया था, उनके वकील ने बताया कि वह अस्वस्थ हैं और यहां उपस्थित नहीं हो सकते हैं अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई की तिथि 16 नवंबर तय की और फरियादी को आरोपियों को सभी संबंधित दस्तावेज मुहैया करवाने के लिये कहा।
भाषा की खबर के अनुसार, सुनवाई के बाद आजाद ने कहा कि वर्तमन और कई अन्य मामले उनके खिलाफ इसलिए दर्ज किये गये क्योंकि उन्होंने दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में भ्रष्टाचार का मामला उठाया जो कि कथित तौर पर केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली के इस क्रिकेट संस्था के अध्यक्ष के कार्यकाल के दौरान हुआ था।
आजाद ने अदालत के बाहर कहा, ‘‘जिन्हें जेल में होना चाहिए था वे मेरे लिये मामला दर्ज कर रहे हैं, लेकिन मैं सभी चोरों को जेल भिजवाने के लिये प्रतिबद्ध हूं. ’’ अदालत ने 11 जुलाई को आजाद, बेदी और दो अन्य को समन भेजा था।
याचिकाकर्ता तेजबीर सिंह ने इससे पहले अदालत में कहा था कि आजाद, बेदी, खन्ना और बहादुर ने संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया था कि इस युवा क्रिकेटर के चयन के लिये 25 लाख रुपये का भुगतान किया गया।