दिल्ली में आज यानी रविवार (17 जून) को नीति आयोग की चौथी बैठक हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में देश भर के तमाम राज्यों के मुख्यमंत्री और राज्यपाल हिस्सा ले रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दो दिन चलने वाली इस बैठक में ओडिशा और दिल्ली को छोड़कर सभी राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद हैं। ये बैठक राष्ट्रपति भवन में चल रही है। इस दौरान तमाम मुख्यमंत्रियों को ‘न्यू इंडिया 2022’ का एजेंडा दिया जाएगा और उस पर काम करने की रणनीति भी बताई जाएगी।
बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का धरना आज यानी रविवार को सातवें दिन भी जारी है। इस बीच मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली के एलजी अनिल बैजल नीति आयोग की मीटिंग में पहुंच चुके हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नीति आयोग की मीटिंग में एलजी अनिल बैजल के पहुंचने पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्वीट करके कहा, “संविधान के किस नियम में उपराज्यपाल को मुख्यमंत्री की जगह लेने की शक्ति दी है? मैंने उन्हें अपनी जगह मीटिंग में जाने की इजाजत नहीं दी थी।”
Under which provision of the Constitution does LG have powers to replace the Chief Minister? I have not authorised him to go in my place. https://t.co/ccA94tpKNo
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 17, 2018
हालांकि नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने एलजी के शामिल होने की खबरों को खारिज कर दिया। अरविंद केजरीवाल के ट्वीट का अमिताभ कांत ने जवाब दिया है। उन्होंने ट्वीट करके कहा कि उपराज्यपाल अनिल बैजल नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हैं।
This is totally incorrect. Lt. Governor of Delhi is not present at the Fourth Meeting of the Govening Council of NITI Aayog. https://t.co/1U95F4wz59
— Amitabh Kant (@amitabhk87) June 17, 2018
केजरीवाल के समर्थन में आए चार राज्यों के मुख्यमंत्री
अधिकारियों को लेकर दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल अनिल बैजल के बीच शुरू हुआ टकराव फिलहाल खत्म होता नहीं दिख रहा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी मांगों को लेकर उपराज्यपाल अनिल बैजल के आवास पर लगातार पिछले छह दिनों (11 जून शाम से) से धरने पर बैठे हैं। केजरीवाल का साथ निभाने के लिए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, मंत्री सत्येंद्र जैन और गोपाल राय लगातार उनके साथ धरने पर बने हुए है। अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं करने पर धरने में शामिल सिसोदिया और जैन उपराज्यपाल के दफ्तर में बेमियादी भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं।
इस बीच दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल के धरने के मामले में नया मोड़ आ गया है। पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक और केरल के मुख्यमंत्रियों ने शनिवार (16 जून) को दिल्ली के अपने समकक्ष अरविंद केजरीवाल के प्रति एकजुटता दिखाई। चारों राज्यों के मुख्यमंत्री खुलकर केजरीवाल के समर्थन में आ गए हैं। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू, केरल के सीएम पिनरायी विजयन और कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने केजरीवाल का समर्थन किया है।
केजरीवाल के आवास पर संवाददाता सम्मेलन में चारों मुख्यमंत्रियों ने केंद्र से तुरंत ‘‘संकट’’ का समाधान करने को कहा।अगले साल लोकसभा चुनावों के पहले विपक्षी दलों के साथ आने के प्रयासों के बीच केजरीवाल को चारों मुख्यमंत्रियों के समर्थन को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा से मुकाबले के लिए विपक्षी दलों के साथ गठबंधन करने पर विचार कर रही कांग्रेस दिल्ली के मुख्यमंत्री के धरना पर बैठने की आलोचना कर रही है।
समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक कुमारस्वामी ने कहा, ‘‘हम दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के प्रति अपना समर्थन दिखाने के लिए यहां आए हैं। हम मांग करते हैं कि प्रधानमंत्री दखल दें और समस्या को सुलझाने के लिए आवश्यक कदम उठाएं।’’ हालांकि दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने चारों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को धरने पर बैठे दिल्ली के सीएम से मुलाकात की अनुमति नहीं दी।
उपराज्यपाल अनिल बैजल की ओर से मिलने की अनुमति नहीं मिलने के बाद चारों मुख्यमंत्री केजरीवाल के आवास पर गए, जहां उनकी पत्नी ने पूरे वाकये से अवगत कराया। ममता ने कहा, ‘‘मैं दिल्ली के मुख्यमंत्री से मिलना चाहती थी लेकिन मौखिक रूप से मुझे बताया गया कि अनुमति नहीं मिलेगी। इसके बाद हम चारों ने उपराज्यपाल से मिलने का वक्त मांगा, लेकिन हमें बताया गया कि वह (बैजल) यहां नहीं हैं। हमें इजाजत नहीं दी गई।’’
इससे पहले चारों मुख्यमंत्रियों की बैठक आंध्र भवन में हुई। ममता, नायडू, विजयन और कुमारस्वामी आज यानी रविवार को नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली आए हुए हैं। चारों मुख्यमंत्री ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के निवास पर केजरीवाल की पत्नी और आप के कुछ अन्य नेताओं से मुलाकात की। बता दें कि केजरीवाल दिल्ली में नौकरशाहों की ‘‘हड़ताल’’ खत्म करवाने के लिए अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ उपराज्यपाल के कार्यालय में पिछले छह दिनों से धरना पर बैठे हैं।
ममता ने कहा, ‘‘हमें उनसे मुलाकात के लिए छह मिनट का भी समय नहीं दिया गया। हम चाहते हैं कि इस समस्या को सुलझाया जाए। यह संवैधानिक संकट बन गया है। आखिरकार अगर इस समस्या को नहीं सुलझाया गया तो लोगों को नुकसान होगा। अगर राजधानी में ये चीजें होंगी तो अन्य राज्यों में क्या होगा ? हम कल प्रधानमंत्री से मिलेंगे और उनसे समस्या को सुलझाने के लिए दखल देने का अनुरोध करेंगे।’’
केजरीवाल का आरोप- PMO के निर्देश पर चारों मुख्यमंत्रियों को नहीं मिली मिलने की इजाजत
दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल द्वारा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बजर्नी तथा आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को उपराज्यपाल आवास पर धरने पर बैठे दिल्ली के मुख्यमंत्री से मिलने की अनुमति नहीं दिये जाने की रिपोर्टों के बीच केजरीवाल ने शनिवार को आरोप लगाया कि ऐसा प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर किया गया है।
केजरीवाल ने ट्वीट किया,“मैं नहीं समझता की माननीय उपराज्यपाल स्वत: ऐसा निर्णय ले सकते हैं। स्वभाविक रूप से पीएमओ ने उन्हें ऐसा करने का निर्देश दिया है। जैसे कि आईएएस अधिकारियों की हड़ताल पीएमओ के इशारे पर चल रही है।”
I don’t think Hon’ble LG can take such a decision on his own. Obviously, PMO has directed him to refuse permission. Just like IAS strike is being done at PMO’s instance. https://t.co/hKEe99s8Fp
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 16, 2018
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार चारों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने उपराज्यपाल से केजरीवाल से मिलने की अनुमति मांगी थी लेकिन उन्हें मना कर दिया गया। केजरीवाल तथा उनके तीन मंत्री पिछले छह दिन से उपराज्यपाल के आवास पर धरने पर बैठे हुए हैं। वे दिल्ली सरकार के कार्यालयों में आईएएस अधिकारियों की कथित हड़ताल खत्म करवाने तथा कुछ अन्य मांगों को लेकर धरने पर हैं।