दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और केंद्र के बीच की ‘जंग’ में एक नया मोड़ सामने आया है। केजरीवाल सरकार ने अब एंटी करप्शन ब्रांच के चीफ मुकेश मीणा को एक मेमो जारी किया है, जिसके मुताबिक कई आरोपों पर दस दिन के अंदर जवाब देने को कहा गया है।
इस मेमो में कहा गया है कि यदि 10 दिनों के भीतर जवाब नहीं मिलता है तो जांच के लिए तैयार रहें।
केजरीवाल ने इस मेमो के जरिए मीणा से कई सवाल पूछे हैं: (1) आपने एडिशनल कमिश्नर एस एस यादव से FIR रजिस्टर क्यों छीना? (2) ACB दफ्तर में अर्धसैनिक बल क्यों तैनात किए गए? (3) एंटी करप्शन हेल्पलाइन का नंबर बदलने पर बयान कैसे दिया, जबकि ये हेल्पलाइन खुद CMO की निगरानी में काम कर रही है?
इसमें ख़ास बात यह है कि दिल्ली और केंद्र सरकार के बीच दिल्ली हाईकोर्ट के दखल के बाद संघर्षविराम चल रहा था, क्योंकि कोर्ट ने ही दिल्ली बनाम केंद्र के सभी विवादों पर रोज़ाना सुनवाई करने और तब तक के लिए दोनों पक्षों से एक दूसरे पर कोई कार्रवाई न करने को कहा है।
यही नहीं शुक्रवार को डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने यह आरोप लगाया की केंद्र सरकार ने उनसे बिना पूछे उनके अहम अफसरों के ट्रान्सफर कर दिए हैं और इसके बाद अब केजरीवाल ने मीणा को मेमो थमा दिया है, जिससे शांत पड़ती दिख रही यह लड़ाई फिर तेज़ होती दिख रही है।