CJI दीपक मिश्रा के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले जस्टिस चेलमेश्वर ने अपने विदाई समारोह में शामिल होने से किया इनकार

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चार महीने पहले हुए जज विवाद के बाद लगता है अभी भी सुप्रीम कोर्ट में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। दरअसल, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) दीपक मिश्रा के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों में से एक जस्टिस जे चेलमेश्‍वर ने अपने विदाई समारोह में आने से इनकार कर दिया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन से कहा कि वह आग्रह करते हैं कि उनका विदाई समारोह आयोजित न किया जाए, वह इसमें भाग नहीं ले सकेंगे।

File Photo: Indian Express

समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक, जस्टिस चेलमेश्वर ने सेवानिवृत्त होने के अवसर पर उनके सम्मान में 18 मई को सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित किए जा रहे विदाई कार्यक्रम का निमंत्रण अस्वीकार कर दिया है। बता दें कि न्यायमूर्ति चेलमेश्वर 22 जून को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।

बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए उनका निमंत्रण अस्वीकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने बताया कि न्यायमूर्ति चेलमेश्वर से एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने उन्हें 18 मई को विदाई समारोह में आमंत्रित करने के लिए पिछले सप्ताह मुलाकात की थी। सुप्रीम कोर्ट में ग्रीष्मावकाश शुरू होने से पहले 18 मई अंतिम कार्य दिवस है।

सिंह ने कहा, ‘उन्होंने विदाई कार्यक्रम का निमंत्रण अस्वीकार कर दिया है।’ उन्होंने बताया कि एसोसिएशन की कार्य समिति के सदस्यों ने बुधवार को एक बार फिर उनसे विदाई समारोह में शामिल होने का अनुरोध किया, लेकिन व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए उन्होंने इसके लिए अपनी सहमति नहीं दी।

न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने बार एसोसिएशन के सदस्यों को बताया कि उनका जब आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट से दूसरे उच्च न्यायालय में स्थानांतरण हुआ था तो उस वक्त भी उन्होंने विदाई कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण स्वीकार नहीं किया था।एसोसिएशन के सचिव विक्रांत यादव ने बताया कि न्यायमूर्ति चेलमेश्वर से उनके निवास पर बार के सदस्यों ने मुलाकात की लेकिन उन्होंने अपने विदाई कार्यक्रम का निमंत्रण स्वीकार नहीं किया।

न्यायमूर्ति चेलमेश्वर बुधवार को न्यायिक कार्य के लिए शीर्ष अदालत नहीं आये थे। इस वजह से वह लगातार तीसरी बार न्यायाधीशों के पारंपरिक बुधवार के दोपहर भोज में भी शामिल नहीं हो सके थे। न्यायाधीशों के प्रत्येक बुधवार को होने वाले सामूहिक भोजन कार्यक्रम में बारी-बारी से न्यायाधीश अपने गृह राज्य के व्यंजन घर से लाते हैं।

गौरतलब है कि 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों (जस्टिस जे. चेलमेश्वर, रंजन गोगोई, एम. बी. लोकुर और कुरियन जोसफ) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई मुद्दों को उठाया था, जिनमें अहम और संवेदनशील जनहित याचिकाओं के आवंटन का मुद्दा भी शामिल था। जजों ने सीजेआई की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया था कि वह अहम मामलों को ‘पसंद की बेंचों’ में भेज रहे हैं।

न्यायमूर्ति चेलमेश्वर के नेतृत्व में न्यायाधीशों की प्रेस कांफ्रेस में प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा पर लगाये गए आरोपों के बाद से ही वे विवादों में घिरे हुए हैं। इस प्रेस कांफ्रेंस में न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ ने भी हिस्सा लिया था।

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