दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) का छात्र और आल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आइसा) का कार्यकर्ता शनिवार (15 अक्टूबर) से रहस्यमयी परिस्थितियों में लापता है।
रविवार को पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार नजीब अहमद जेएनयू में एमएससी बॉयोटेक्नोलॉजी का छात्र है और माही/मांडवी छात्रावास में रहता था। छात्र के माता-पिता की शिकायत पर वसंत कुंज पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 365 के तहत छात्र की गुमशुदगी का मामला दर्ज कर लिया गया है।
नजीब करीब एक हफ्ते पहले ही नए छात्रावास में रहने आया था। आइसा के एक कार्यकर्ता के अनुसार नजीब की शनिवार रात को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के एक कार्यकर्ता से तब बहस हो गयी थी जब वो मेस कमेटी के चुनाव के लिए दरवाज-दरवाजे जाकर प्रचार कर रहे थे।
नजीब ने कथित तौर पर एबीवीपी कार्यकर्ता को थप्पड़ मारा जिसेक बाद छात्रावास के अन्य छात्रों ने उससे छात्रावास छोड़ने के लिए कहा। हालांकि आइसा कार्यकर्ता ने कहा कि ये एक मामूली झड़प थी जो बड़ा बखेड़ा बन गई।
भाषा की खबर के अनुसार, आइसा कार्यकर्ता ने कहा, “दोनों गुटों की शुरू में मामूली कहासुनी हुई लेकिन बाद में एबीवीपी कार्यकर्ता अपने पूरे गुट के साथ उसे सबक सिखाने और पीटने के लिए आ गए।” आइसा कार्यकर्ता के अनुसार एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने उन लोगों को भी नहीं बख्सा जिन्होंने नजीब को बचाने की कोशिश की।
बीचबचाव कर रहे छात्रावास के वार्डेन, जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष और छात्रावास के अन्य छात्रों की भी पिटाई की गई। जेएनयू छात्रसंघ ने विश्वविद्यालय प्रशासन से मामले में तत्काल कार्रवाई करने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन भी किया। छात्र चाहते थे कि इस मामले में विश्वविद्यालय पुलिस में शिकायत दर्ज कराए।
पिछले एक साल में जेएनयू कई बार विवादों में घिर चुका है। अभी हाल ही में जेएनयू के कुछ छात्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी सांसद, योग गुरु रामदेव इत्यादि के पुतले जलाए गए थे।
विश्विविद्यालय प्रशासन ने पुतला दहन मामले की जांच का अादेश दे दिया है। इससे पहले जेएनयू तब बड़े विवाद में घिर गया था जब विश्वविद्यालय के कुछ छात्रों ने कथित तौर पर राष्ट्रवादी विरोधी नारे लगाए थे। विश्वविद्यालय के कुछ छात्रों पर नारा लगाने के मामले में राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था।