JNU में आर्मी टैंक: जामिया के वीसी बोले- हमारे यहां तो पहले से ही लगा हुआ है लड़ाकू विमान ‘मिग’

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जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी(JNU) के वाइस चांसलर(VC) एम जगदीश कुमार द्वारा छात्रों को प्रेरित करने के लिये जेएनयू कैंपस में सेना का एक टैंक रखने की इच्छा व्यक्त करने पर उठे विवाद के बीच जामिया मिलिया इस्लामिया (जेएमआई) के कुलपति प्रो. तलत अहमद ने कहा कि हमारे विश्व विद्यालय में तो पहले से ही लड़ाकू विमान मिग लगा हुआ है और उन्हें इसमें कोई खराब बात नहीं लगती है। जेएमआई के कुलपति प्रो. तलत अहमद ने न्यूज एजेंसी भाषा को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि हमारे यहां पहले से ही मिग विमान लगा हुआ है। प्रेरणा प्रदान करने के लिए ठीक है। अच्छा है, बच्चों को एक तरह से प्रेरणा मिलेगी, जिन लोगों ने देश के लिये सेवाएं दी हैं, सीमा पर बलिदान दिया है। उनके बारे में गौरव का भाव आएगा।

उन्होंने कहा कि अगर वे (जेएनयू के कुलपति) चाहते हैं, अगर वहां नहीं है…तो टैंक भी चाहते हैं तो रख सकते हैं। अहमद ने कहा कि देखिये अपने को सिर्फ देशभक्त साबित करने के लिए ऐसा करना ठीक नहीं है, लेकिन बच्चों को प्रेरित करने के लिये ऐसी पहल में कोई बुराई नहीं है।

विविद्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, भारतीय वायु सेना ने जामिया मिलिया इस्लामिया को साल 2010 में दो मिग विमान दिया था। ये दोनों मिग विमान जामिया के इंजीनियरिंग विभाग के सामने लगे हैं। बता दें कि जेएनयू के कुलपति एम जगदीश कुमार विविद्यालय कैंपस के अंदर सेना का एक टैंक रखने की इच्छा व्यक्त की है।

दरअसल, करगिल विजय दिवस के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में कुलपति एम जगदीश कुमार ने केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान और जनरल वीके सिंह से गुजारिश की कि वे विविद्यालय को सेना का एक टैंक दिलवाने में मदद करें।
कुमार के मुताबिक टैंक को कैंपस में एक जगह रखा जाएगा जो छात्रों को सेना के बलिदान की याद दिलाता रहे।

उल्लेखनीय है कि जेएनयू में रविवार(23 जुलाई) को पहली बार करगिल विजय दिवस समारोह का आयोजन किया गया था और तिरंगा मार्च भी निकाला गया था। इस मार्च का आयोजन विविद्यालय प्रशासन और वेटरंस इंडिया ने मिलकर किया था। इस मार्च में दो केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, जनरल वी के सिंह आदि शामिल हुए थे।

जामिया मिलिया इस्लामिया के कुलपति तलत अहमद ने कहा कि जामिया ने भारतीय वायु सेना और नौसेना के साथ एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है, ताकि उनके कर्मियों की पढ़ाई और औपचारिक डिग्री प्राप्त करने में मदद मिल सके।

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