चीन को पछाड़ते हुए भारत फिर से सबसे तेज विकास दर वाला देश बन गया है। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में देश की विकास दर 7.2 फीसदी हो गई है, जो बीती पांच तिमाही में सबसे ज्यादा है। बुधवार (28 फरवरी) को जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2017-18 में अक्तूबर-दिसंबर की तिमाही में विकास दर 7.2 प्रतिशत पर पहुंच गई है। जबकि इस तिमाही में चीन की विकास दर 6.8 फीसदी रही।
नोटबंदी और जीएसटी के बाद आर्थिक मोर्चे पर आलोचना झेल रही सरकार को इससे बड़ी राहत मिली है। विकास दर के नतीजों ने रेटिंग एजेंसियों और अर्थशास्त्रियों को भी गलत साबित किया है। रायटर्स के 35 अर्थशास्त्रियों के बीच सर्वे में 6.9 प्रतिशत का अनुमान लगाया गया था। जबकि रेटिंग एजेंसियों ने 6.8 फीसदी का आकलन किया था।
इससे पहले वर्ष 2016 की आखिरी तिमाही में भारत ने विकास दर में चीन को पछाड़ पहला स्थान पाया था। आईएमएफ के अनुसार भारत की आर्थिक विकास दर 2018 में 7.4 फीसदी और 2019 में 7.8 प्रतिशत रहेगी। इसी दौरान चीन की विकास दर 6.5 प्रतिशत व 6.4 फीसदी तक रहने की उम्मीद है।
इसके साथ ही भारत की विकास दर एक बार दुनिया में सबसे तेज हो गई है। वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर के 5.7 फीसदी पर पहुंच गई थी, जो तीन साल का निचला स्तर था। हालांकि नोटबंदी के बाद जीएसटी के प्रभाव से उबरते हुए दूसरी तिमाही में विकास दर 6.3 प्रतिशत पर पहुंच गई।
इससे संकेत मिलता है कि अर्थव्यवस्था नोटबंदी के असर से उबर चुकी है। साथ ही एक जुलाई 2017 से देशभर में जीएसटी लागू होने के कारण आर्थिक गतिविधियों में जो शुरुआती व्यवधान आए, उसके प्रभाव से भी अर्थव्यवस्था निकलकर धीरे-धीरे उच्च रफ्तार की ओर बढ़ रही है।