भारत के भगोड़े शराब व्यापारी उद्योगपति विजय माल्या पर शिकंजा कसने के लिए जांच एजेंसियों ने तैयारियां तेज कर दी हैं। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों की एक टीम लंदन पहुंच चुकी है जो माल्या के प्रत्यर्पण के बारे में स्थानीय अधिकारियों से बातचीत करेगी।
सीबीआई सूत्रों ने बताया कि सीबीआई के अतिरिक्त निदेशक राकेश अस्थाना की अगुआई में यह चार सदस्यीय टीम ब्रिटेन के अधिकारियों को माल्या के खिलाफ कर्ज भुगतान में असफल रहने के मामलों की बारीकी से जानकारी देगी।
इस टीम में ईडी के दो वरिष्ठ अधिकारी भी हैं।
माल्या के प्रत्यर्पण का मामला इस समय ब्रिटेन की एक अदालत में है, जहां न तो सीबीआई और न ही प्रवर्तन निदेशालय सीधे कोई पक्ष हैं। एक अधिकारी ने कहा कि भारतीय एजेंसियां वहां अदालत में भगौड़ों की ओर से दायर याचिकाओं के विरोध में ब्रिटिश अभियोजकों की मदद करती है।
भारत से टीम लंदन भेजने का उद्देश्य यही है कि माल्या के प्रत्यर्पण के लिए वहां की अदालत में मजबूत मामला बनाया जा सके। गौरतलब है कि 61 वर्षीय माल्या को भारत के प्रत्यर्पण आग्रह पर पिछले महीने 18 अप्रैल को ब्रिटेन के अधिकारियों ने गिरफ्तार किया था। हालांकि, लंदन की एक अदालत ने कुछ ही घंटे में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया था, इस मामले में अब 17 मई को सुनवाई होनी है।
यह गिरफ्तारी आईडीबीआई बैंक में 900 करोड़ रुपये के कर्ज का भुगतान नहीं करने से जुड़े मामले में हुई। इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है। माल्या की फिलहाल बंद पड़ी किंगफिशर एयरलाइंस पर विभिन्न बैंकों का (ब्याज सहित) 9000 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है। सीबीआई ने उनके खिलाफ दो मामले दर्ज किए हैं। एक तो आईडीबीआई बैंक से जुड़ा है, जबकि दूसरा मामला भारतीय स्टेट बैंक की अगुआई वाले समूह की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया है।
बता दें कि माल्या दो मार्च 2016 को भारत से भागकर ब्रिटेन चले गए थे। देश के कई सरकारी बैंकों से करीब 9,000 करोड़ रुपये का कर्ज लेकर न चुकाने वाले भगोड़े विजय माल्या के प्रत्यर्पण के लिए भारत सरकार ने ब्रिटेन सरकार से आग्रह किया था।