वीडियोकॉन को दिए लोन में कथित अनियमतता के आरोपों को लेकर घिरीं चंदा कोचर ने आईसीआईसीआई बैंक को अलविदा कह दिया है। आईसीआईसीआई बैंक की प्रबंध निदेशक चंदा कोचर ने तत्काल प्रभाव से पद छोड़ दिया है। बैंक के बोर्ड ने कोचर के प्रारंभिक सेवानिवृत्ति की मांग स्वीकार कर ली है। चंदा कोचर की जगह अब संदीप बख्शी लेंगे। आपको बता दें कि चंदा कोचर अभी छुट्टी पर चल रही हैं। उनके खिलाफ वीडियोकॉन लोन मामले में जांच चल रही है। आईसीआईसीआई बैंक ने संदीप बक्शी को नया MD और CEO बनाया है।
बैंक ने गुरुवार को दिए एक बयान में कहा कि बोर्ड ने तत्काल प्रभाव से चंदा कोचर की मांग को स्वीकार कर लिया है। इससे बोर्ड द्वारा द्वारा की जा रही जांच पूरी तरह से अप्रभावित रहेगी। बैंक ने कहा, ‘‘निदेशक मंडल ने कोचर का त्यागपत्र तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया है। निदेशक मंडल द्वारा की जा रही जांच पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।’’बोर्ड ने संदीप बख्शी को बैंक का प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त करने का निर्णय किया है।
बख्शी का कार्यकाल पांच साल यानी तीन अक्टूबर 2023 तक होगा। पिछले दिनों आईसीआईसीआई बैंक ने बड़ा फैसला करते हुए संदीप बख्शी को मुख्य संचालन अधिकारी (सीओओ) नियुक्त किया था। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के एमडी तथा सीईओ के पद पर कार्यरत बख्शी 19 जून को बैंक के सीओओ पद का कार्यभार संभाला था। वहीं मामले की जांच पूरी होने तक आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ चंदा कोचर ने छुट्टी पर जाने का फैसला किया गया था।
आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ और प्रबंध निदेशक चंदा कोचर का अभी कार्यकाल मार्च 2019 तक था। गौरतलब है कि वीडियोकान समूह को कर्ज देने के मामले में कोचर हितों के टकराव को लेकर संदेह के घेरे में हैं। वीडियोकान के समूह वेणुगोपाल धूत हैं, जिनके कारोबारी संबंध चंदा कोचर के पति दीपक कोचर के साथ रहे हैं। ये आरोप पहले बार वर्ष 2016 में सामने आए, लेकिन बैंक के बोर्ड ने तब उन्हें क्लीनचिट दे दी थी।
क्या है मामला?
प्राइवेट सेक्टर के सबसे बड़े बैंक आईसीआईसीआई की सीईओ और एमडी चंदा कोचर पर कथित तौर पर वित्तीय लेन-देन में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद या हितों के टकराव का सनसनीखेज आरोप लगा है। आरोप है कि आईसीआईसीआई बैंक ने उस वीडियोकॉन कंपनी को 3,250 करोड़ रुपये का लोन दिया, जिसके मालिक वेणुगोपाल धूत के साथ चंदा कोचर के पति दीपक कोचर के कारोबारी रिश्ते हैं। आरोप है कि वीडियोकॉन को 3,250 करोड़ का लोन दिलाने में कथित तौर पर चंदा कोचर ने मदद की थी।
सीबीआई इस बात की जांच कर रही है कि इस कर्ज में किसी तरह का लेनदेन तो नहीं हुआ है। एजेंसी के अधिकारियों ने कहा कि वे इस लेनदेन से संबंधित दस्तावेजों का अध्ययन कर रहे हैं। यदि किसी तरह की गड़बड़ी के प्रमाण मिलते हैं तो आईसीआईसीआई बैंक की प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और अन्य लोगों को विस्तृत पूछताछ के लिए समन किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि 3,250 करोड़ रुपये के ऋण आवेदन की जांच करने वाले नोडल अधिकारियों से पूछताछ की है।
आरोप है कि इस मामले में वीडियोकान समूह और कोचर परिवार ने एक दूसरे को लाभ पहुंचाया। आरोपों के मुताबिक, कर्ज को मंजूरी के बदले वीडियोकान ने नुपॉवर रिन्यूवेबल्स में निवेश किया। इस कंपनी के मालिक चंदा कोचर के पति दीपक कोचर हैं। आईसीआईसीआई बैंक से वीडियोकान समूह की कई कंपनियों को करीब तीन हजार करोड़ रुपये का ऋण मिला। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस बीएन श्रीकृष्णा इस मामले की जांच करेंगे। कई सरकारी एजेंसी भी इस मामले की जांच में जुटी हैं।