एक तरफ जहां कुछ लोग पूरे देश में सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने की कोशिश में लगे हुए हैं, वहीं आज भी कई ऐसे लोग हैं जो हिंदू-मुस्लिम एकता प्रदर्शित कर मिसाल कायम कर रहे हैं। ऐसा ही नजारा गुजरात में देखने को मिला है, जो धार्मिक भेदभाव के बीच इंसानियत के लिए किसी मिसाल से कम नहीं है।जी हां, सूरत के रहने वाले 21 वर्षीय अमित हलपति नाम के शख्स का दिल अब आणंद में रहने वाले सोहले वोहरा (36) के सीने में धड़क रहा है। यानी एक हिंदू समुदाय के युवक का दिल मुस्लिम युवक के सीने में धड़क रहा है। गुरुवार(13 जुलाई) को अहमदाबाद के अस्पताल में ग्रीन कोरिडोर बनाकर सोहेल के दिल का सफल ऑपरेशन किया गया।
दरअसल, सोहेल वोहरा पिछले कई वर्षों से अपने शरीर में महज 15 प्रतिशत तक धड़क रहे दिल के सहारे जी रहे थे। सोहेल को जीवित रहने के लिए एक नए दिल की सख्त दरकार थी, क्योंकि उनकी जिंदगी कि आखिरी उम्मीद ही यही थी। हालांकि, सोहेल की जिंदगी की आखिरी उम्मीद गुरुवार को उस वक्त पूरी हो गई, जब ग्रीन कोरिडोर बनाकर अमित का दिल लाकर सोहेल के सीने में लगाया गया।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, नवसारी जिले के 21 साल का अमित एक सड़क हादसे में बुरी तरह से घायल हो गए थे। इस भयानक हादसे के बाद अमित को इलाज के लिए सूरत के अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन अस्पताल पहुंचने के बाद जब अमित का ऑपरेशन हुआ जो असफल हो गया। डॉक्टरों ने अमित को ब्रेनडेड घोषित कर दिया। अमित के परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है।
अमित की मौत के बाद उनके परिवार को लगा कि क्यूं ना उसके शरीर के जीवित हिस्से को किसी अन्य शख्स को दान कर दिया जाए, ताकि उन्हें नई जिंदगी मिल जाए। जिसके बाद परिजनों ने अमित के शरीर के पांच हिस्से हृदय, किडनी और आंखें दान करने का फैसला किया।
इसी दौरान जब एक एनजीओ की मदद से पता चला कि अहमदाबाद के सोहेल नाम के मुस्लिम युवक सोहिल को दिल की जरूरत है। जिसके बाद फौरन परिजनों ने इंसानियत की मिसाल पेश करते हुए सोहिल को दिल ट्रांसप्लांट के लिए तैयार हो गए।
जिसके बाद प्रशासन की मदद से अमित का दिल स्पेशल चार्टर के जरिए सूरत से अहमदाबाद ले जाया गया। इस दौरान पूरे रास्ते में ग्रीन कॉरीडोर बनाया गया। अमित का दिल 85 मिनट में अहमदाबाद पहुंच गया और एक निजी अस्पताल में सोहेल का हार्ट ट्रांसप्लांट हुआ। अब अमित का दिल सोहिल के सीने में धड़क रहा है।
सोहेल को क्या थी बीमारी?
डॉक्टरों ने बताया कि सोहेल का ऑपरेशन सफल रहा है। उन्होंने कहा कि सोहेल के लिए नया दिल नई जान बनकर आया है। डॉक्टरों के मुताबिक, सोहेल का दिल महज 15 फीसदी ही काम करता था। मेडिकल भाषा में उसे डायलेटेड कॉर्डियो माइयोपेथी कहते हैं। इस वजह से सोहेल का दिल चौड़ा हो गया था। सोहेल सांस लेने में दिक्कत, चेहरे पर सूजन जैसी बीमारी की वजह से परेशान था।