उत्तराखंड कांग्रेस में चल रहे घमासान के बीच राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि कभी पीड़ा व्यक्त करना भी पार्टी के लिए लाभदायक होता है। कांग्रेस के दिग्गज नेता ने शनिवार को कहा कि जैसे बीसीसीआई है वैसे ही एआईसीसी भी मालिक है। उन्होंने अपनी नाराजगी पर क्रिकेट का उदाहरण देते हुए बताया की विश्वास और समझ का रिश्ता होना चाहिए।
समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए हरीश रावत ने कहा कि, “कदम-कदम मिलाए जा कांग्रेस के गीत गाए जा, मैं पहले भी कहता था। अब मैंने इस गीत के साथ बस थोड़ा सा ढोल बजा दिया है। कुछ चीजें ऐसी हैं जिसका कोच कनेक्शन जीत के लिए जरूरी है।”
पूर्व सीएम ने अपनी नाराजगी पर क्रिकेट का उदाहरण देते हुए कहा कि, “जैसे BCCI है वैसे ही AICC मालिक है। जो पार्टी के प्रभारी हैं वह कोच हैं, लेकिन कप्तान का भी अपना स्थान है। इन तीनों के बीच एक विश्वास और समझ का रिश्ता होना चाहिए। मैंने जो भी कहा वह जीतने के लिए कहा।”
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि, “जो मैंने कहा, वह इसलिए कहा कि मैच जीतें। अगर मैं उसे सामान्य तौर पर कहता तो फिर बहुत सारी चीजें राजनीति में होती हैं। कहा जाता मैं राजनीतिक अडजस्टमेंट के लिए यह कह रहा हूं। कई बार ऐसी पीड़ा व्यक्त करना भी बेहतर होता है। मुझे लगता है कि कभी पीड़ा व्यक्त करना भी पार्टी के लिए लाभदायक होता है।”
#WATCH | Delhi:"…Some course correction is important to win upcoming elections…sometimes expressing pain is also beneficial for the party…," Congress leader Harish Rawat pic.twitter.com/ahxfSlaPl2
— ANI (@ANI) December 25, 2021
इसके साथ ही हरीश रावत ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की शुभकामनाओं के ट्वीट पर कहा कि मैं उनकी शुभकामनाएं स्वीकार करता हूं। मुझे लगता है कि कहीं न कहीं उन्हें अभी भी लग रहा है कि कांग्रेस छोड़ना एक गलती थी। जैसे अमरिंदर सिंह अपने मालिक का अनुसरण कर रहे हैं वैसे ही मनीष तिवारी भी सिर्फ अपने मालिक (अमरिंदर) का अनुसरण कर रहे हैं।
I accept his (former Cong leader Amarinder Singh) best wishes. I think somewhere he is still feeling that quitting Congress was a mistake. And Manish Tewari is just following his master's (Amarinder) voice, as Amarinder Singh is following his master's voice: Harish Rawat,Cong pic.twitter.com/v3P622jJbe
— ANI (@ANI) December 25, 2021
बता दें कि, इससे पहले हरीश रावत ने बुधवार को तीन ट्वीट किए थे, जिनमें उन्होंने राजनीति से सन्यास लेने के संकेत दिए थे। गुरुवार को पार्टी हाईकमान द्वारा बुलाए जाने के बाद उनके तेवर नरम पड़ गए हैं। वहीं, उन्होंने अपने ट्वीट पर सफाई देने के बजाए संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा था कि वह “समय आने पर बोलेंगे यानी जवाब देंगे।”
हरीश रावत वर्ष 2016 में उत्तराखंड के सातवें मुख्यमंत्री बने थे। वे मनमोहन सिंह की सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। उत्तराखंड में भी अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। अभी वहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार है।
[Please join our Telegram group to stay up to date about news items published by Janta Ka Reporter]