इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के राजधानी लखनऊ में स्थित अवैध इमारत को लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के एक दस्ते ने शनिवार(17 जून) को गिरा दिया। बता दें कि गायत्री पर यह भी आरोप है कि उन्होंने इस इमारत का नक्शा आवासीय पास कराया था, लेकिन अपने रसूख के बलपर इस पर व्यावसायिक निर्माण करा लिया था।
एलडीए के उपाध्यक्ष पीएन सिंह ने बताया कि प्रजापति को एक आवासीय प्लॉट दिया गया था और आवासीय नक्शा भी पास किया गया था, लेकिन उस जमीन पर जिस भवन का निर्माण किया जा रहा था वह एलडीए द्वारा पास किये गये नक्शे के विपरीत था और नियमों का उल्लंघन किया जा रहा था।
उन्होंने बताया कि इस तिमंजिला भवन का निर्माण व्यावसायिक उपयोग के लिये किया जा रहा था। गौरतलब है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गायत्री प्रजापति के अवैध निर्माण की बाबत 19 जून को उत्तर प्रदेश सरकार से रिपोर्ट मांगी थी। हाई कोर्ट के कठोर रुख को देखते हुये एलडीए ने प्रजापति के इस अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई की।
15 जून को हाई कोर्ट की अवकाशकालीन पीठ के जस्टिस विवेक चौधरी ने राज्य और एलडीए चेयरमैन को निर्देश दिया था कि रूचि खंड आशियाना में बन रहे इस अवैध निर्माण को बनाने की जिन अधिकारियों ने इजाजत दी थी उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाये।