रविवार (17 अप्रैल) को लखनऊ कांग्रेस पार्टी ने एक नेता को पार्टी में शामिल होने के कुछ मिनटों बाद ही पार्टी से बर्खास्त कर दिया। नेता की बर्खास्ती का कारण उसके वो समर्थक बने जिनको वो पार्टी में शामिल होने के दौरान अपने साथ लेकर आये थे।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रविवार (16 अप्रैल) को लखनऊ में शिवसेना के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष गौरव उपाध्याय दल बल के साथ कांग्रेस का दमन थामने पार्टी के मुख्यालय पहुंचे थे। नेताजी के स्वागत का कार्यक्रम समाप्त भी नहीं हुआ था इससे पहले ही पार्टी ने गौरव उपाध्याय को बर्खास्त भी कर दिया वो भी सिर्फ उनके समर्थकों की वजह से। सबसे चौकाने वाली बात यह है की इस नेता के पार्टी में शामिल होने की जानकारी कांग्रेस के किसी भी वरिष्ठ नेता को नही था।
दरअसल गौरव उपाध्याय के ज्वाइनिंग कार्यक्रम खत्म होने के बाद उनके साथा आए कुछ लोगों ने मौंके पर उनके और कांग्रेस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। जिसके बाद मामले का पता लगाने पर सच सामने आया कि ये सब लोग दिहाड़ी मजदूर थे और भाड़े पर लाए गए थे। जब इसकी सूचना कांग्रेस मुख्यालय तक पहंची तो उनसे उनका निलंबन मांग लिया गया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले पर मजदूरों का कहना है कि गौरव ने समर्थकों की भीड़ जुटाने के लिए उन्हें 400-400 रुपये देने का वादा किया थास लेकिन किसी को पैसे नहीं मिले। ऐसें नारेबाजी करने में कुछ को तो पैसे मिल गए लेकिन बाकी के सभी खाली हाथ लौट आए।