बिहार सरकार के लाख कोशिशों के बाद भी राज्य में अवैध रूप से शराब की बिक्री जारी है, जिसका अंदाजा आप इसी ख़बर से लगा सकते है। शराबबंदी वाले राज्य बिहार के रोहतास जिले के कछवा थाना अंतर्गत दनवार गांव में बीती रात जहरीली शराब पीने से चार लोगों की मौत हो गई। इस मामले में आठ पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है।
न्यूज़ एजेंसी भाषा की ख़बर के मुताबिक, अपर पुलिस महानिदेशक(मुख्यालय) संजीव कुमार सिंघल ने बताया कि मृतकों में दनवार गांव निवासी कमलेश सिंह(35) हरिहर सिंह(500 धनजी सिंह(25) और उदय सिंह(35) शामिल हैं।उन्होंने बताया कि सभी शवों को पोस्टमार्टम में लिए जिला मुख्यालय सासाराम स्थित सदर अस्पताल भेजा गया है।
साथ ही गंभीर रूप से बीमार दो अन्य व्यक्तियों रवि सिंह(25) और अशोक पंडित(32) को इलाज के लिए जमुहार स्थित नारायण मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सिंघल ने बताया कि इस मामले की जांच शाहाबाद प्रक्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक मोहम्मद रहमान के नेतृत्व में की जा रही है।
कर्तव्यहीनता के आरोप में कछवा थाना अध्यक्ष मुकेश कुमार, सहायक निरीक्षक सुरेंद्र कुमार तिवारी एवं विरेंद्र कुमार राय, सहायक अवर निरीक्षक दिलीप कुमार पासवान, रामअवतार राम, पंकज कुमार झा तथा सिपाही विनोद कुमार सिंह एवं विजेंद्र मुखिया को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है तथा विक्रमगंज अनुमंडल पुलिस अधिकारी नीरज कुमार एवं अंचल निरीक्षक अनिल कुमार से जवाब तलब किया गया है।
सिंघल ने बताया कि इस हादसे से गुस्साए स्थानीय लोगों ने सुबह दनवार-नासरीगंज मुख्य मार्ग को जाम कर दिया था, लेकिन समझाने बुझाने के बाद उन्होंने जाम समाप्त कर दिया। रोहतास के जिलाधिकारी अनिमेष कुमार पराशर ने बताया कि उस क्षेत्र के उत्पाद निरीक्षक को निलंबित किए जाने तथा उनके खिलाफ विभागीय कार्वाई करने की अनुशंसा मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग के प्रधान सचिव से की गयी है।
उन्होंने बताया कि रोहतास के सहायक उत्पाद आयुक्त किशोर कुमार शाह से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने उनके भी निलंबन के साथ विभागीय कार्वाई की अनुशंसा की जायेगी। जिलाधिकारी ने बताया कि इस मामले में तीन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गयी है जिसमें से दो को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार लोगों के पास से कुछ शराब की बोतलें भी जब्त की गयी हैं।
शराबबंदी के बावजूद इस घटना से प्रशासन पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मामले की जांच करने के सख्त निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द आरोपियों का पता लगाकर उन्हें सख्त सजा दी जाएगी।
ग्रामीणों का आरोप है कि यहां अवैध रूप से शराब तैयार की जाती है, लेकिन पुलिस उन लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं करती। उल्लेखनीय है कि बिहार में अप्रैल 2016 से ही पूर्ण शराबबंदी है और इसके सेवन और उत्पादन तथा कारोबार पर प्रतिबंध लगा हुआ है।