“यूपी में आज आपातकाल से क्या कुछ कम है, योगी जी?”: सीएम योगी आदित्यनाथ के ट्वीट पर पूर्व IAS अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह ने कसा तंज

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पूर्व आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह ने एक बार फिर से उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर तंज कसा है। पूर्व आईएएस अधिकारी ने सीएम योगी के ट्वीट पर तंज कसते हुए पूछा कि, ‘यूपी में आज आपातकाल से क्या कुछ कम है, योगी जी?’ पूर्व आईएएस के ट्वीट पर अब यूजर्स भी जमकर अपनी प्रतिक्रियाएँ दे रहे है।

सूर्य प्रताप सिंह

इतिहास में 25 जून 1975 का दिन भारत के लिहाज से एक महत्वपूर्ण घटना का गवाह रहा है। आज ही के दिन देश में आपातकाल लगाने की घोषणा की गई। आज उसकी 45वीं बरसी है। भाजपा नेताओं ने आपातकाल की 46वीं बरसी पर शुक्रवार को कांग्रेस की जम कर निंदा की और आपातकाल के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले ‘‘सत्याग्रहियों’’ को याद किया।

इस बीच, सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने एक ट्वीट में लिखा, “वर्ष 1975 में आज ही के दिन कांग्रेस पार्टी ने भारत के महान लोकतंत्र पर कुठाराघात कर देश पर ‘आपातकाल’ थोपा था। मैं उन सभी पुण्यात्मा सत्याग्रहियों को नमन करता हूँ, जिन्होंने ‘आपातकाल’ की अमानवीय यातनाओं को सह कर भी देश में लोकतंत्र की पुनर्स्थापना में सहयोग दिया था। जय हिंद।”

सीएम के ट्वीट पर तंज कसते हुए पूर्व आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह ने अपने ट्वीट में लिखा था, “यूपी में आज आपातकाल से क्या कुछ कम है, योगी जी? फर्जी रासुका ,फर्जी इनकाउंटर, ईमानदार मीडिया व सोशल एक्टिविस्ट पर फर्जी मुकदमे किसी को दिखते नहीं? बेरोजगार युवाओं व किसानो पर जुर्म, लाखों मौतें, असंख्य चिताएं, गंगा में बहती -रेत में दफन लाशें? बेरोजगारी, मंहगाई की आफत ऊपर से।”

सीएम योगी के ट्वीट पर वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा ने अपने ट्वीट में लिखा, “सिद्दीक कप्पन, पवन जैसवाल, सूर्य प्रताप सिंह, हाथरस की बलात्कार पीड़िता का देर रात अंतिम संस्कार, ऑक्सीजन मांगने वालों पर FIR, डॉक्टर्स पर FIR का डर। बात बात पर FIR क्योंकि जवाबदेही से डरते हैं । और अभी तो आपातकाल भी नहीं है ! (औपचारिक तौर पर) फेहरिस्त बहुत लंबी है योगी जी।”

उल्लेखनीय है कि, देश में 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 के बीच 21 महीने की अवधि तक आपातकाल लागू रहा। इंदिरा गांधी उस समय देश की प्रधानमंत्री थीं। इंदिरा गांधी ने 1977 में आपातकाल हटा लिया था और उसके बाद लोकसभा चुनाव कराने का फैसला किया था। इस चुनाव में कांग्रेस को जनता पार्टी के हाथों करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। आजादी के बाद हुए चुनावों में कांग्रेस को मिली यह सबसे बड़ी पराजय थी।

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