भारत में आगामी लोकसभा चुनाव के ठीक बीच में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक हिंदू मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल होने की रिपोर्टों के बाद अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद और सऊदी अरब भारतीय विशेषज्ञों और पूर्व राजनयिकों के निशाने पर आ गए हैं। क्राउन प्रिंस और पीएम मोदी के बीच इस तालमेल को विशेषज्ञों और पूर्व राजनयिकों ने एक खतरनाक खेल बताया है। दरअसल, बवाल उस रिपोर्ट के सामने आने के बाद मचा है जिसमें कहा जा रहा है कि पीएम मोदी 20 अप्रैल को अबू धाबी में स्वामी नारायण संप्रदाय से संबंधित एक हिंदू मंदिर के दूसरे शिलान्यास समारोह में भाग ले सकते हैं।
जैसा कि अबू धाबी सरकार के स्वामित्व वाले राष्ट्रीय समाचार पत्र द्वारा जारी एक रिपोर्ट में बताया गया था कि पीएम मोदी ने फरवरी 2018 में अपनी यात्रा के दौरान मंदिर के मॉडल का अनावरण किया था, इस दौरान उन्होंने राजधानी के पहले हिंदू मंदिर की परियोजना भी शुरू की थी। अपने दूसरे कार्यकाल के लिए संर्घष कर रहे पीएम मोदी को भारतीय चुनावों के बीच में मंदिर के नींव समारोह में शामिल होने का अवसर मिलना किसी तोहफे से कम नहीं है, क्योंकि भारत के हिंदू मतदाताओं को उकसाने के लिए इससे बढ़िया अवसर नहीं मिलेगा।
पूर्व राजनयिक केसी सिंह ने चुनाव के बीच में मोदी के दौरे को लेकर अबू धाबी और सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस की आलोचना की है। उनका आरोप है कि इस समारोह के जरिए चुनावों में मोदी को मदद मिल सके इसके मद्देनजर राजकुमारों द्वारा इस खतरनाक खेल को रचा गया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि मोदी के अप्रैल में अबू धाबी मंदिर का उद्घाटन करने की संभावना है। आचार संहिता? अबूधाबी/सऊदी अरब के क्राउन प्रिंसों ने मोदी के लिए एक खतरनाक रचा है। विदेशी राष्ट्रों को भारतीय चुनावों में प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष हस्तक्षेप से बिल्कुल बचना चाहिए।
News today Modi likely to inaugurate Abu Dhabi Temple in April. Code of Conduct ? Crown princes of AbuDhabi/SArabia playing a dangerous game by pitching behind Modi. Foreign nations should absolutely avoid direct/indirect interference in Indian polls.
— K. C. Singh (@ambkcsingh) April 2, 2019
राजदूत डोगरा भी केसी सिंह के साथ सहमत दिखे। इस यात्रा के खिलाफ इस आधार पर उन्होंने अबू धाबी को यह सलाह दी है कि मोदी इस यात्रा का उपयोग चुनावों में चुनावी लाभ के लिए करेंगे। उन्होंने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात खाड़ी राजतंत्रों में सबसे उदार है और उनके साथ हमारा संबंध भी बहुत पुराना है। लेकिन चुनाव के दौरान शिलान्यास में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा की जाने वाली यात्रा चुनावों में उपयोग किए जाने वाले दृश्यों के रूप में देखा जाएगा।
हालांकि, आयोजकों द्वारा भेजी गई बुकलेट में अभी तक मोदी के नाम की पुष्टि नहीं की गई है कि वह इस समारोह में अतिथि हैं। सोशल मीडिया पर इस बात पर भी चर्चा हो रही है कि क्या पीएम मोदी उस वक्त विदेश में किसी धार्मिक आयोजन में हिस्सा ले सकते हैं जब देश भर में आदर्श आचार संहिता लागू हो?
इस हफ्ते की शुरुआत में मोदी को मुस्लिमों के खिलाफ हिंदुओं को भड़काने के लिए निंदा का सामना करना पड़ा था, जब उन्होंने आरोप लगाया था कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने केरल के वायनाड से इसलिए चुनाव लड़ने का फैसला किया क्योंकि अमेठी में अल्पसंख्यक समुदाय की आबादी कम थी। उन्होंने कहा, ‘‘उस पार्टी (कांग्रेस) के नेता (राहुल गांधी) अब बहुसंख्यक (हिंदू) आबादी वाली सीटों (अमेठी) से चुनाव लड़ने से डर रहे हैं।’’