भारत के अलग-अगल राज्यों से हर रोज कोई न कोई ऐसी तस्वीर सामने आ ही जाती है, जिसे देखकर हमें शर्मसार होना पड़ता है ऐसा ही एक मामला बिहार से सामने आया है जो बेहद ही शर्मनाक है। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में बाढ़ पीड़िताओं के परिवार के सदस्यों को कथित तौर पर अस्पताल की और से एम्बुलेंस नहीं मिलने पर शव कंधे पर लाधकर ले जाने पर मजबूर होना पड़ा।
हिंदुस्तान टाइम्स की ख़बर के मुताबिक, दुबारबाना गांव के राजू महतो के बेटे अभिषेक कुमार और मंथा गांव के संजय पासवान के भतीजे बंटी की मंगलवार को बाढ़ के पानी में डूबने से मृत्यु हो गई थी। जिसके बाद मीनापुर पुलिस थाने की पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए मुजफ्फरपुर के श्री कृष्ण मैडिकल कॉलेज और अस्पताल(एसकेएमसीएच) में लाया था।
पीड़ित परिवार वालों का कहना है कि, हमने अस्पताल प्रशासन से अनुरोध किया कि हमें अपने गांव जाने के लिए एक एम्बुलेंस प्रदान करें, लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया। जिसके बाद मजबूर होकर हमें यह विकल्प चुनना पड़ा।
फोटो- hindustantimesवहीं दूसरी ओर एसकेएमसीएच अधीक्षक डॉ ठाकुर ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि, जब भी एम्बुलेंस की मांग की जाती है तो प्रदान किया जाता है। अभिषेक और बंटी की शवों को सीधे पोस्टमार्टम करने के बाद रिश्तेदारों को सौंप दिया गया था लेकिन उन्होंने वाहनों के लिए अनुरोध नहीं किया था।
साथ ही उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच के आदेश दे दिया गया है, डॉक्टरों और अस्पताल के अधिकारियों की एक टीम इस मामले की जांच कर रही है। यदि कोई अस्पताल कर्मचारी दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।