तालिबान ने अफगानिस्तान पर किया कब्जा, काबुल एयरपोर्ट पर फायरिंग के बाद मची भगदड़; देश छोड़ गए राष्ट्रपति अशरफ गनी ने लिखी भावुक चिट्ठी

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दशकों तक चले संघर्ष और युद्ध के बाद आखिरकार तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद काबुल में हालात और बुरे हो गए हैं। अफगानिस्तान के ज्यादातर हिस्सों में अब तालिबान का कब्जा है। अफगानिस्तान से निकलने का सिर्फ एक रास्ता काबुल एयरपोर्ट ही बचा है, लेकिन आज वहां फायरिंग के बाद स्थिति और बिगड़ गई।

तालिबान

फायरिंग के बाद काबुल एयरपोर्ट पर मची भगदड़ में कई लोगों को घायल होने की भी खबर है। लोग जान बचाने के लिए इधर से उधर भाग रहे हैं। इस भगदड़ में कई लोगों के घायल होने की भी खबर है। काबुल एयरपोर्ट से जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं, उनमें हालात काफी भयावह दिख रहे हैं।

काबुल एयरपोर्ट पर हालात को बिगड़ते देख अमेरिका ने एयरपोर्ट को अपने कब्जे में ले लिया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के हवाले से बताया जा रहा है कि काबुल में हामिद करजई हवाई अड्डे को सुरक्षित करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं।

बता दें कि, तालिबानी आतंकी रविवार को काबुल में घुसने के बाद अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन तक पहुंच गए। इससे पहले ही राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़ दिया था। गनी ने कहा है कि रक्तपात ना हो, इसके लिए उन्होंने देश छोड़ा। इस बीच, अफगानिस्तान की स्थिति को लेकर कल मंगलवार सुबह 10 बजे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बैठक होगी। संयुक्त राष्ट्र महासचिव परिषद को जानकारी देंगे।

देश छोड़ने को लेकर हो रही आलोचना के बीच अशरफ गनी ने सोशल मीडिया के जरिए सफाई पेश की है। उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा, आज मेरे सामने कठिन विकल्प है। मुझे कठिन फैसला लेना पड़ा। मुझे तालिबान के सामने खड़ा रहना चाहिए। मैंने बीते 20 साल से अपनी जीवन यहां के लोगों को बचाने में बिताया है। मैंने अगर देश नहीं छोड़ा होता तो यहां की जनता के लिए अंजाम बुरे होते। तालिबानियों ने मुझे हटाया है। वो काबुल में यहां के लोगों पर हमले के लिए यहां आए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि तालिबान ने हिंसा से लड़ाई जीत ली है। अब उनकी जिम्मेदारी है को वो अफगानिस्तान के लोगों की रक्षा करे। उन्होंने लिखा है कि खूनखराबे से बचने के लिए मेरा अफगानिस्तान से जाना ही सही लगा।

इसी बीच रिपोर्ट्स आ रही हैं कि तालिबान ने लोगों से 17 अगस्त को सुबह 8 बजे तक घरों में ही रहने को कहा है। काबुल एयरपोर्ट से कमर्शल फ्लाइट्स भी बंद कर दी गई हैं, सिर्फ सैन्य विमानों को उड़ान की इजाजत है। तालिबान ने 15 अगस्त को राजधानी काबुल पर कब्जे के साथ ही पूरे अफगानिस्तान पर शासन कायम कर लिया है।

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