कृषि विधेयकों के विरोध में पंजाब में किसानों ने शुरू किया ‘रेल रोको’ आंदोलन, रेलवे ट्रैक पर धरने पर बैठे किसान; रद्द किया गया ट्रेनों का परिचालन

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संसद के दोनों सदनों से पारित हुए तीनों कृषि विधेयकों के विरोध में पंजाब में किसानों ने तीन दिवसीय ‘रेल रोको’ अभियान शुरू किया है। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर फिरोजपुर रेलवे डिवीजन ने 26 सितंबर तक विशेष ट्रेनों का परिचालन रद्द करने का फैसला किया है।

पंजाब

इस फैसले के तहत जिन ट्रेनों को निलंबित किया गया है उनमें स्वर्ण मंदिर मेल (अमृतसर-मुंबई सेंट्रल), जन शताब्दी एक्सप्रेस (हरिद्वार-अमृतसर), नई दिल्ली-जम्मू तवी, सचखंड एक्सप्रेस (नांदेड़-अमृतसर) और शहीद एक्सप्रेस (अमृतसर-जयनगर) शामिल हैं। बता दें कि, भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ता बरनाला और संगरूर कस्बों में रेल पटरियों पर धरना दे रहे हैं।

वहीं, गृह विभाग की ओर से जिला उपायुक्तों को 24 से 26 सितंबर तक 48 घंटे के बंद और रेल रोको आंदोलन के दौरान अलर्ट रहने को कहा गया है। हिदायत दी गई है कि किसानों के प्रति नरम रवैया अपनाया जाए और उन पर कोई सख्त जबरदस्ती न की जाए। इसके साथ ही एंबुलेंस सेवा, सिविल सर्जनों, डाक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को भी तैयार रखने को कहा गया है ताकि प्रदर्शनों के दौरान किसी भी अप्रिय घटना में घायलों को तुरंत चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जा सके।

अब तक के इतिहास में पहली बार पार्टी लाइन से हटकर एकजुटता दिखाते हुए पंजाब के 31 किसान संगठनों ने शुक्रवार को संयुक्त राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है। संगठनों ने पूर्ण पंजाब बंद का भी आह्वान किया है। उन्होंने 25 सितंबर के बाद विरोध प्रदर्शन जारी रखने की भी रणनीति भी बनाई है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने अप्रत्याशित हंगामे के बीच ध्वनिमत से पारित कराए गए इन बिलों को वापस नहीं लिया तो उनका आंदोलन और तेज होगा। देश में चावल और गेहूं के प्रमुख उत्पादक राज्यों पंजाब और हरियाणा के किसान इन बिलों का विरोध कर रहे हैं। (इंपुट: आईएएनएस के साथ)

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