हिंदी जगत के प्रसिद्ध साहित्यकार एवं आलोचना के मूर्धन्य हस्ताक्षर प्रोफेसर नामवर सिंह का मंगलवार को निधन हो गया। वह 92 वर्ष के थे। साहित्य अकादमी सम्मान से नवाजे जा चुके नामवर सिंह ने हिंदी साहित्य में आलोचना को एक नया आयाम दिया।
समाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, उनके पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि नामवर सिंह का अंतिम संस्कार बुधवार अपराह्न तीन बजे लोधी रोड स्थित शमशान घाट में किया जाएगा। प्रोफेसर सिंह पिछले करीब एक महीने से बीमार थे। वह अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती थे।
नामवर सिंह का जन्म 28 जुलाई 1926 को वाराणसी के एक गांव जीयनपुर (वर्तमान में ज़िला चंदौली) में हुआ था। उन्होंने बीएचयू से हिंदी साहित्य में एमए और पीएचडी की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने बीएचयू, सागर एवं जोधपुर विश्वविद्यालय और जेएनयू में पढ़ाया।
‘छायावाद’, ‘इतिहास और आलोचना’, ‘कहानी नयी कहानी’, ‘कविता के नये प्रतिमान’, ‘दूसरी परम्परा की खोज’ और ‘वाद विवाद संवाद’ उनकी प्रमुख रचनाएं हैं। उन्होंने हिंदी की दो पत्रिकाओं ‘जनयुग’ और ‘आलोचना’ का संपादन भी किया। उनके निधन पर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, पीएम मोदी और राहुल गांधी सहित तमाम नेताओं ने शोक व्यक्त किया है।
राष्ट्रपति ने ट्वीट कर लिखा, “हिंदी साहित्य में नए प्रतिमान स्थापित करने वाले शीर्षस्थ समालोचक डॉ नामवर सिंह के निधन से गहरा दुःख हुआ। उनका जाना केवल हिंदी ही नहीं अपितु सभी भारतीय भाषाओँ के साहित्य के लिए एक बहुत बड़ा आघात है। शोकाकुल परिवार व सम्पूर्ण हिंदी जगत के प्रति मेरी संवेदनाएं”
हिंदी साहित्य में नए प्रतिमान स्थापित करने वाले शीर्षस्थ समालोचक डॉ नामवर सिंह के निधन से गहरा दुःख हुआ। उनका जाना केवल हिंदी ही नहीं अपितु सभी भारतीय भाषाओँ के साहित्य के लिए एक बहुत बड़ा आघात है। शोकाकुल परिवार व सम्पूर्ण हिंदी जगत के प्रति मेरी संवेदनाएं — राष्ट्रपति कोविन्द
— President of India (@rashtrapatibhvn) February 20, 2019
पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा, “हिन्दी साहित्य के शिखर पुरुष नामवर सिंह जी के निधन से गहरा दुख हुआ है। उन्होंने आलोचना के माध्यम से हिन्दी साहित्य को एक नई दिशा दी। ‘दूसरी परंपरा की खोज’ करने वाले नामवर जी का जाना साहित्य जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दे और परिजनों को संबल प्रदान करे।”
हिन्दी साहित्य के शिखर पुरुष नामवर सिंह जी के निधन से गहरा दुख हुआ है। उन्होंने आलोचना के माध्यम से हिन्दी साहित्य को एक नई दिशा दी। ‘दूसरी परंपरा की खोज’ करने वाले नामवर जी का जाना साहित्य जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दे और परिजनों को संबल प्रदान करे।
— Narendra Modi (@narendramodi) February 20, 2019
राहुल गांधी ने लिखा, “नामवर सिंह के निधन से भारतीय भाषाओं ने अपनी एक ताकतवर आवाज खो दी है। समाज को सहिष्णु, जनतांत्रिक बनाने में उन्होंने जिंदगी लगा दी। हिंदुस्तान में संवाद को बहाल करना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी।”
नामवर सिंह के निधन से भारतीय भाषाओं ने अपनी एक ताकतवर आवाज खो दी है।
समाज को सहिष्णु, जनतांत्रिक बनाने में उन्होंने जिंदगी लगा दी।
हिंदुस्तान में संवाद को बहाल करना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 20, 2019
प्रख्यात साहित्यकार एवं समालोचक डॉ. नामवर सिंह जी के निधन पर मेरी गहरी संवेदनाएं। उन्होंने आलोचना के माध्यम से हिंदी साहित्य को नए आयाम दिए, उनका देहांत हिन्दी साहित्य जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति एवं शोकाकुल परिजनों को यह दुख सहन करने की शक्ति दें।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) February 20, 2019